केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू बोले- विपक्ष गुमराह कर रहा, विधेयक पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा

नई दिल्ली: (GPN Bihar desk) केंद्र सरकार ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि वक्फ संशोधन विधेयक संसद के मौजूदा बजट सत्र में ही पेश किया जाएगा। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार इस विधेयक को लेकर विपक्ष के सभी सवालों के जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि संसद में वक्फ बिल पेश करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और यह पूरी पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ रही है।

गौरतलब है कि इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि यह विधेयक बजट सत्र में पेश किया जाएगा, जो 4 अप्रैल को समाप्त होगा। शाह ने स्पष्ट किया कि इस कानून से किसी को डरने की जरूरत नहीं है और नरेंद्र मोदी सरकार संविधान के दायरे में रहकर वक्फ अधिनियम में संशोधन कर रही है।

गरीब मुसलमानों, महिलाओं और बच्चों के हित में विधेयक

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार शाम एक प्रेस वार्ता में कहा कि इस विधेयक में अल्पसंख्यकों के साथ किसी प्रकार की नाइंसाफी नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि कुछ शक्तिशाली लोग इसका विरोध कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने वक्फ की संपत्तियों पर अवैध कब्जा कर रखा है और अब वे जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "आलोचना सबका अधिकार है, लेकिन इसका आधार भी होना चाहिए। विधेयक गरीब मुसलमानों, महिलाओं और बच्चों के हित में है और इससे वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के प्रबंधन में जवाबदेही और पारदर्शिता आएगी।"

रिजिजू ने कहा कि कई संगठन इस विधेयक का समर्थन कर रहे हैं, जो यह दर्शाता है कि यह धार्मिक मान्यताओं से परे एक पारदर्शी कदम है। उन्होंने विपक्षी दलों से अपील की कि वे इस विधेयक को लेकर झूठ फैलाने के बजाय संसद में चर्चा करें और अपने तर्क प्रस्तुत करें।

इतिहास में पहली बार इतना व्यापक परामर्श: सरकार

प्रेस वार्ता में रिजिजू ने यह भी बताया कि वक्फ संशोधन विधेयक पर ऐतिहासिक स्तर पर व्यापक परामर्श किया गया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने लोकतांत्रिक भारत के इतिहास में सबसे व्यापक विचार-विमर्श किया है और सभी हितधारकों को इसमें सम्मिलित किया गया है। उन्होंने विपक्षी दलों से अपील की कि वे संसद में खुलकर बहस करें और गुमराह करने की राजनीति से बचें।

केरल के सांसदों से समर्थन की अपील

इससे पहले केरल के कैथोलिक बिशप्स काउंसिल (केसीबीसी) ने राज्य के सांसदों से वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने की अपील की। इस अपील को साझा करते हुए रिजिजू ने कहा कि वे खुद एक अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं और इस पहल का स्वागत करते हैं। बता दें कि रिजिजू बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने भी उनकी इस पहचान को भारत के लिए गौरवशाली बताया था।

गृह मंत्री अमित शाह ने दी सफाई

गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि अगस्त 2024 में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया वक्फ संशोधन विधेयक अब संसद के मौजूदा बजट सत्र में पेश किया जाएगा। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वे मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं और यह विधेयक किसी के अधिकारों पर कोई अंकुश नहीं लगाएगा। उन्होंने कहा, "हम इसी सत्र में वक्फ विधेयक पेश करेंगे और विपक्ष बेवजह झूठ फैला रहा है।"

निष्कर्ष

सरकार का दावा है कि वक्फ संशोधन विधेयक पूरी तरह पारदर्शी है और इससे वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में जवाबदेही सुनिश्चित होगी। विपक्ष जहां इसे असंवैधानिक बता रहा है, वहीं सरकार ने इसे मुसलमानों, विशेष रूप से गरीब तबके, महिलाओं और बच्चों के हित में बताया है। अब देखना यह होगा कि संसद में इस विधेयक पर होने वाली बहस क्या नया मोड़ लेती है।