वॉशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 चुनाव के प्रमुख रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 1 अगस्त से 25% टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है। ट्रंप ने यह घोषणा अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर एक पोस्ट के माध्यम से की, जिसमें उन्होंने भारत को 'मित्र' बताते हुए भी उस पर अत्यधिक टैरिफ और गैर-मौद्रिक व्यापार प्रतिबंधों का आरोप लगाया।

 

ट्रंप ने कहा कि "भारत हमारा मित्र है, लेकिन वह दुनिया के सबसे ज़्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है। भारत के टैरिफ बहुत कठोर हैं और अमेरिका के व्यापार के रास्ते में बाधा बनते हैं।" उन्होंने आगे कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका के साथ अपेक्षाकृत कम व्यापार किया है और यह असंतुलन अब और नहीं चलेगा।

 

ट्रंप ने इस बयान में भारत द्वारा रूस से हथियारों और ऊर्जा की खरीद को लेकर भी गहरी नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा, "भारत रूस से सबसे ज्यादा सैन्य उपकरण खरीदता है और ऊर्जा के भी सबसे बड़े खरीदारों में से एक है। चीन के साथ मिलकर भारत ने यूक्रेन युद्ध के समय रूस की आर्थिक मदद की है। यह सब ठीक नहीं है।"

इसके मद्देनज़र ट्रंप ने भारत पर न केवल 25% टैरिफ लगाने की बात कही है, बल्कि एक अतिरिक्त "जुर्माना" भी वसूलने की बात कही है, हालाँकि जुर्माने की रकम स्पष्ट नहीं की गई।

 

गौरतलब है कि इससे पहले अप्रैल 2025 में भी ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर 26% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जिसे बाद में निलंबित कर दिया गया था। लेकिन अब चुनावी वर्ष में ट्रंप का यह कड़ा रुख भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों पर असर डाल सकता है।

 

अभी तक भारत सरकार की ओर से इस विषय पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में कहा था कि भारत किसी भी व्यापार समझौते को समय सीमा के दबाव में नहीं करता और वह तभी सहमति देगा जब प्रस्तावित समझौता भारत के राष्ट्रीय हित में होगा।

 

उल्लेखनीय है कि अमेरिका लगातार भारत से अपने किसानों और उत्पादकों के लिए बाजार खोलने की मांग करता रहा है, लेकिन भारत अपने फैसलों पर अडिग है। आने वाले महीने में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली आएगा और व्यापार समझौते को लेकर बातचीत का अगला दौर होगा।

 

अगर ट्रंप का यह टैरिफ लागू होता है, तो इससे भारत-अमेरिका के बीच बीते दशक में लगातार बढ़े व्यापारिक संबंधों पर गहरा असर पड़ सकता है।

 

विश्लेषण:
“ट्रंप का टैरिफ: व्यापार के बहाने भू-राजनीतिक दबाव”
डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर टैरिफ लगाने का निर्णय केवल व्यापारिक असंतुलन की प्रतिक्रिया नहीं बल्कि रूस-भारत के सैन्य और ऊर्जा संबंधों पर दबाव बनाने की रणनीति भी है। यह अमेरिका की चीन-रूस विरोधी नीति के अंतर्गत भारत को पश्चिमी गुट की ओर खींचने का एक प्रयास है। इस कदम से यह साफ हो जाता है कि ट्रंप प्रशासन भारत से न केवल व्यापारिक लाभ चाहता है, बल्कि उसकी विदेश नीति को भी नियंत्रित करने की कोशिश करेगा। भारत को अब रणनीतिक संतुलन और स्वायत्तता के बीच सावधानी से रास्ता तय करना होगा।