पटना: अभी-अभी प्राप्त खबरों के अनुसार, जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को पटना पुलिस ने सोमवार सुबह गांधी मैदान में आमरण अनशन के दौरान गिरफ्तार किया। बाद में उन्हें पटना सिविल कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने 25,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी। प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद सिविल कोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए और हर जगह पुलिसकर्मी तैनात रहे।

 

आमरण अनशन और गिरफ्तारी

प्रशांत किशोर 2 जनवरी से पटना के गांधी मैदान में बापू की प्रतिमा के पास आमरण अनशन पर बैठे थे। उनकी मुख्य मांगें बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में हुई अनियमितताओं की जांच, प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों का श्वेत पत्र जारी करना, और बेरोजगार युवाओं के लिए वादे के अनुसार बेरोजगारी भत्ते की बहाली थीं।

 

पटना जिला प्रशासन ने उनके इस अनशन को अवैध बताते हुए नोटिस जारी किया था। जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि गांधी मैदान में धरना प्रदर्शन की अनुमति नहीं थी, और बार-बार अनुरोध के बावजूद प्रशांत किशोर ने निर्धारित स्थल पर जाने से इनकार कर दिया। सोमवार सुबह 4 बजे पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

 

अनशन स्थल पर हंगामा और आरोप

जन सुराज की टीम ने दावा किया कि गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने प्रशांत किशोर के साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें थप्पड़ मारा। इसके बाद उन्हें एंबुलेंस में बैठाकर अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। प्रशांत किशोर ने इलाज कराने से इनकार कर दिया और अनशन जारी रखने की बात कही। उनकी गिरफ्तारी के बाद समर्थकों ने सड़कों पर हंगामा किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

 

जिलाधिकारी का बयान

जिलाधिकारी ने बताया कि प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने 43 लोगों को हिरासत में लिया है और 15 गाड़ियों को जब्त किया है। जांच में यह भी सामने आया है कि हिरासत में लिए गए लोगों में से केवल 13 छात्र हैं।

 

जन सुराज की मांगें

प्रशांत किशोर ने बिहार की ध्वस्त शिक्षा व्यवस्था और प्रतियोगी परीक्षाओं में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने सरकार से परीक्षा अनियमितताओं पर उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।