पटना हि.स.: जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर को सिविल कोर्ट से लंबी उठापटक के बाद शनिवार शाम बिना शर्त जमानत मिल गई। इससे पहले, सशर्त जमानत लेने से इनकार करने पर उन्हें न्यायिक हिरासत में बेउर जेल भेजा गया था। जेल में प्रशांत किशोर ने आमरण अनशन शुरू करने की घोषणा की थी।

 

प्रशांत किशोर के अधिवक्ता ने बताया कि पुलिस ने उन्हें 6 जनवरी को सुबह चार बजे गांधी मैदान से गिरफ्तार किया। पांच घंटे तक एंबुलेंस में घुमाने के बाद उन्हें फतुहा के सामुदायिक अस्पताल और फिर पटना के सिविल कोर्ट ले जाया गया। कोर्ट ने 25 हजार के मुचलके पर सशर्त जमानत दी, जिसमें पीआर बॉन्ड भरने और भविष्य में आंदोलन न करने की शर्तें थीं। प्रशांत किशोर ने इन शर्तों को अस्वीकार करते हुए बॉन्ड भरने से इनकार कर दिया।

 

इससे पहले, प्रशांत किशोर 2 जनवरी से पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे थे, जिसमें सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध जताया गया। वकील ने बताया कि पीआर बॉन्ड भरने का मतलब अपराध स्वीकार करना होता, जिससे भविष्य में आंदोलन करने का अधिकार समाप्त हो जाता।

 

शाम तक चली कानूनी प्रक्रिया के बाद कोर्ट ने उन्हें बिना शर्त जमानत दी। इस घटनाक्रम ने बिहार की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है।

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पूर्णिया, डॉ गौतम पाण्डेय रिपोर्ट (06 जनवरी 2025, 17.00 बजे (अपडेट):

देश में छात्र आन्दोलनों का एक इतिहास रहा है। छात्र आंदोलन पर लाठी बरसाने वाली सरकार की जड़ें हिला कर रख दी गई हैं। छात्रों ने जिस किसी को भी समर्थन दिया है उसे बुलंदियों पर बैठा दिया है। इसलिए सरकार को कोई भी कदम उठाने से पहले कई बार विचार-विमर्श कर लेना चाहिए।

 

परन्तु, ऐसा लगता है कि बिहार सरकार ने इतिहास से कोई सबक नहीं ली है। पटना के गाँधी मैदान में लगभग 5 हजार से अधिक छात्रा BPSC परीक्षा में हुए धांधली के खिलाफ पिछले 18 दिनों से धरने पर बैठे हैं। प्रशांत किशोर ने भी उनका समर्थन दिया था और पिछले 4 दिनों से वो आमरण अनशन पर बैठे थे जहाँ से पुलिस ने उन्हें जबरन बल प्रयोग करते हुए गिरफ्तार किया है। जिस की वजह से जन सुराजी के अलावे सभी छात्रों में रोष है।

 

सरकार के ऐसे कदम उठाने से परहेज करना चाहिए। आज सुबह हुई इस घटना की जिम्मेवारी बिहार सरकार और बिहार पुलिस को लेनी ही पड़ेगी।

 

अब जन सुराज का अगला कदम क्या होगा वह तो समय ही बताएगा।

 

आज पूर्णियां में जन सुराज सदस्यों की एक एमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई। ये मीटिंग जन सुराज पार्टी के संयोजक श्री प्रशांत किशोर की जबरन गिरफ़्तारी से सम्बन्ध में बुलाई गई थे।

 

मीटिंग का आह्वान जन सुराज पार्टी के पूर्णिया जिला अध्यक्ष ने सुबह 9.00 बजे का किया था। मीटिंग में लगभग सभी प्रखंड अध्यक्षों के साथ - साथ कई सदस्य मौजूद थे। सभी ने प्रशांत किशोर की गिरफ़्तारी पर रोष प्रकट किया और आगे की कार्रवाई पर भी चर्चा की गई। जिला अध्यक्ष ने सदस्यों को बताया कि किसी भी प्रकार के रोष प्रदर्शन के लिए हमें प्रदेश अध्यक्ष के आदेश का इंतज़ार करना चाहिए। मीटिंग में यह भी फैसला लिया गया कि संभव है कि सभी सदस्य कल शाम को श्री प्रशांत किशोर के समर्थन में और पटना पुलिस द्वारा किये गए अमानवीय व्यव्हार के मद्देनजर पटना के लिए  कूच करेंगे। साथ ही आज या कल शाम को पूर्णिया में एक मशाल मार्च भी किया जाएगा।

 

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पटना पुलिस ने आज सुबह प्रशांत किशोर की गिरफ़्तारी के वक्त उनके साथ अभद्रता की और उनपर हाथ भी उठाया। साथ ही तड़के सुबह घटना स्थल पर सोये हुए छात्रों के साथ भी अमानवीय व्यव्हार किया, छात्रों और छात्राओं को बूट (जूते) की ठोकर मार कर उठाया गया है।

 

प्राप्त जानकारी के अनुसार, आज श्री प्रशांत किशोर को अदालत में पेश किया जाएगा। अब देखना ये है कि अदालत इस पर क्या कार्रवाई करती है।

 

हम आप को इस घटना की पल - पल की जानकारी देते रहेंगे: बने रहिये GPNewsBihar के साथ।

 

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पूर्णिया/पटना: सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रशांत किशोर को पुलिस ने पटना गाँधी मैदान से हिरासत में ले लिया है। पुलिस उन्हें आज सुबह 3 बजकर 40 मिनट पर अनशन स्थल से जबरदस्ती उठा ले गई।

 

हालाँकि कहा ये जा रहा है कि डॉक्टर ने रूटीन चेक-अप के बाद उन्हें अनशन तोड़ने की सलाह दी थी क्यूंकि, उनकी हालत ख़राब हो रही थी। चार दिनों से उन्होंने कुछ भी नहीं खाया पिया था। उन्हें पटना AIIMS में भर्ती कराया गया है।

 

ख़बरों के अनुसार, हिरासत में लेने से पहले उनके साथ गाली गलौज और मार-पीट भी की गई है। प्रशांत किशोर के साथ किये गए इस प्रकार के व्यवहार से बिहार के जन सुराजी आक्रोश में हैं। बिहार के सभी जन सुराजी इस गिरफ़्तारी के खिलाफ आंदोलन पर उतर सकती है। उनका कहना है कि जब प्रशांत जी शांतिपूर्वक अनशन कर रहे थे तो उनके साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया गया। सरकार द्वारा किया गया इस प्रकार का बलप्रयोग हो ना हो किसी बड़े आंदोलन को जन्म दे सकता है।

 

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