पुणे (हि.स.): थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बुधवार को पुणे
में सेना दिवस परेड की सलामी ली। उन्होंने देश की सीमाओं पर तैनात जवानों पर भरोसा
जताते हुए कहा कि आज हमारा देश एक नए युग की दहलीज पर खड़ा है और विकसित भारत के लक्ष्य
की ओर सुचारू रूप से आगे बढ़ रहा है। परेड में विभिन्न मार्चिंग दस्तों और हथियारों
के जरिए सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया गया।सेना दिवस परेड 1949 में फील्ड मार्शल केएम
करिअप्पा की भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ के रूप में नियुक्ति की याद
दिलाती है, जो भारत के स्वतंत्रता के बाद के सैन्य नेतृत्व का प्रतीक है। थल सेनाध्यक्ष
ने कहा कि हमारे देश को प्रगति और विकास के पथ पर आगे बढ़ने के लिए एक स्थिर और सुरक्षित
वातावरण की आवश्यकता है, जिसमें भारतीय सेना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मुझे
विश्वास है कि हम भारतीय सेना को एक आधुनिक, चुस्त, प्रौद्योगिकी सक्षम और भविष्य के
लिए तैयार बल बनाने के लिए प्रगति के पथ पर आगे बढ़ते रहेंगे।जनरल उपेंद्र द्विवेदी
ने कहा कि उत्तरी सीमाओं पर स्थिति स्थिर पर संवेदनशील भी है। हमारी सेना किसी भी स्थिति
से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार और सक्षम है। उत्तरी सीमाओं पर आधुनिक उपकरण और महत्वपूर्ण
बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। पश्चिमी सीमाओं की नियंत्रण रेखा
पर संघर्ष विराम लागू है, लेकिन घुसपैठ की कोशिश जारी है। जम्मू-कश्मीर के आंतरिक क्षेत्रों
में सुरक्षा बलों के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप हिंसा में काफी कमी आई है। पिछले
साल संसद, विधानसभा चुनाव और अमरनाथ यात्रा का शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होना सुरक्षा
स्थिति में सुधार को दर्शाता है।
थल सेनाध्यक्ष ने आर्मी डे परेड में सेना पदक
(वीरता) और अन्य पुरस्कार प्रदान किए। परेड में मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री, मद्रास रेजिमेंट,
मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट, रेजिमेंट आफ आर्टिलरी, मिलिट्री पाइप्स एंड ड्रम बैंड,
बाम्बे इंजीनियर ग्रुप, आर्मी आर्डिनेंस कार्प्स और एनसीसी के दस्तों ने मार्च करके
सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया। मार्चिंग दस्तों के माथे पर पसीना और आंखों में अनुभव
की चमक दिखाई दी। मार्चिंग दस्तों पर आर्मी एविएशन के हेलीकॉप्टरों ने पुष्पों की बारिश
करके पूरे माहौल को देशभक्ति के जोश से भर दिया।सेना दिवस परेड में पहली बार ऐतिहासिक
रूप से नेपाली आर्मी बैंड की टुकड़ी ने भाग लिया, जो भारतीय और नेपाली सेना के बीच
लंबे समय से चली आ रही दोस्ती में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई। इस टुकड़ी
में तीन महिला सैनिकों सहित 33 सदस्य शामिल रहे, जिसमें ब्रास और पाइप बैंड ने अनूठी
सांस्कृतिक और संगीतमय झलक जोड़ी।नेपाली आर्मी बैंड ने भारत और नेपाल के बीच गहरे सांस्कृतिक
संबंधों को दर्शाने वाली संगीत परंपराओं का मिश्रण पेश किया। यह दोनों देशों के बीच
बढ़ते सैन्य और राजनयिक संबंधों का प्रमाण है।
महिला सशक्तीकरण और उत्कृष्टता के एक महत्वपूर्ण
प्रदर्शन में पहली बार अग्निवीर महिला मार्चिंग टुकड़ी ने भारतीय सेना में महिलाओं
की उल्लेखनीय यात्रा को आगे बढ़ाया। 'नारी शक्ति' की थीम के अनुरूप अग्निवीर महिला
मार्चिंग टुकड़ी ने महिला सैन्य पुलिस की ताकत, अनुशासन और समर्पण का प्रदर्शन किया।
कैप्टन संध्या राव एच की कुशल कमान के तहत यह टुकड़ी भारतीय सेना में महिलाओं के नेतृत्व
और प्रतिबद्धता का उदाहरण है। अग्निवीर महिला मार्चिंग टुकड़ी की भागीदारी भारतीय सेना
के लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और अपने रैंकों में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए
चल रहे प्रयासों का प्रमाण है।परेड के दौरान आर्मी एविएशन के चेतक हेलीकॉप्टरों ने
नए फार्मेशन में उड़ान भरी। भारतीय सेना ने टी-90 टैंक भीष्म, के-9 वज्र, बीएमपी सारथ,
लाइट स्ट्राइक व्हीकल, स्पेशलिस्ट मोबिलिटी व्हीकल बजरंग, पिनाका मल्टीपल लांचर सिस्टम,
मोबाइल संचार नोड, ड्रोन जैमर प्रणाली, ब्रिजिंग सिस्टम का प्रदर्शन करके अपनी ताकत
दिखाई। परेड में कई झांकियों का भी प्रदर्शन किया गया। मिशन ओलंपिक की झांकी ने खेलों
के प्रति सेना की प्रतिबद्धता को उजागर किया। पूर्व सैनिकों की सेना के प्रति 'सर्वदा
प्रतिबद्धता ' को दर्शाती झांकी पेश की गई। कार्बन तटस्थता प्रयासों को दर्शाती झांकी
ने पर्यावरण का संदेश दिया।
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