नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के सत्यापन की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने निर्वाचन आयोग से ईवीएम की मेमोरी और माइक्रो कंट्रोलर को लेकर प्रक्रिया की जानकारी देने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 3 मार्च से शुरू होने वाले हफ्ते में होगी।

यह याचिका एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने दायर की है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से पूछा कि ईवीएम सत्यापन के लिए क्या स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) अपनाया जाता है। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि फिलहाल ईवीएम से कोई डेटा न डिलीट किया जाए और न ही नया डेटा रीलोड किया जाए।

 

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने तर्क दिया कि निर्वाचन आयोग की मौजूदा प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के अप्रैल 2024 के आदेश के अनुरूप नहीं है। उन्होंने ईवीएम के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की स्वतंत्र जांच की मांग की ताकि किसी भी संभावित छेड़छाड़ की पुष्टि की जा सके।

 

वहीं, एक अन्य याचिकाकर्ता सर्व मितर के वकील देवदत्त कामत ने बताया कि ईवीएम सत्यापन के लिए 40,000 रुपये शुल्क लिया जाता है, जबकि मशीन की वास्तविक कीमत 30,000 रुपये ही है। इस पर चीफ जस्टिस ने निर्वाचन आयोग से सत्यापन लागत कम करने को कहा।