दिल्ली/बिहार में भूकंप के तेज
झटकों से मची
अफरातफरी
नई दिल्ली/पटना: आज
सुबह राष्ट्रीय राजधानी
दिल्ली और उसके आसपास के
इलाकों में भूकंप
के तेज झटके
महसूस किए गए, जिससे लोगों
में दहशत फैल
गई। राष्ट्रीय भूकंप
विज्ञान केंद्र (National Centre for Seismology) के अनुसार,
रिक्टर स्केल पर
भूकंप की तीव्रता
4.0 मापी गई। भूकंप
का केंद्र दिल्ली
के पास 5 किलोमीटर
की गहराई में
था, जिसके कारण
झटके काफी तेज
महसूस हुए।
सुबह-सुबह कांपी
धरती
भूकंप सुबह
5 बजकर 36 मिनट पर
आया। कई सेकंड
तक महसूस किए
गए इन झटकों
की वजह से इमारतों के अंदर जोरदार कंपन
हुआ। लोग घरों
से बाहर निकल
आए और कई लोगों ने
इसे अब तक का सबसे
तेज झटका बताया।
दिल्ली की विभिन्न
सोसायटी में रहने
वाले निवासियों ने
बताया कि उन्हें
लगा जैसे कोई
इमारत पास में गिर गई
हो।
लोगों में दहशत
का माहौल
सुबह के
समय जब ज्यादातर
लोग नींद में
थे, तभी अचानक
धरती कांपी और
लोग घबराकर घरों
से बाहर भागे।
कुछ लोगों ने
कहा कि उन्हें
ऐसा लगा जैसे
कोई बड़ा विस्फोट
हुआ हो। भूकंप
के झटके इतने
तेज थे कि कई इमारतों
में दरवाजे और
खिड़कियां हिलने लगीं।
हाल के महीनों
में कई बार हिली
दिल्ली की धरती
दिल्ली-एनसीआर
में भूकंप आना
अब आम बात होती जा
रही है। सितंबर
2024 में भी दिल्ली
में भूकंप के
झटके महसूस किए
गए थे। उस समय भूकंप
का केंद्र अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र था
और इसकी तीव्रता
5.8 मापी गई थी।
तब यह झटके जम्मू-कश्मीर,
हरियाणा और पंजाब
में भी महसूस
किए गए थे।
अगस्त 2024 में अफगानिस्तान
में आए 5.7 तीव्रता
के भूकंप का
असर भी दिल्ली-एनसीआर तक
देखने को मिला था। उस
भूकंप का केंद्र
255 किलोमीटर की गहराई
में था और दिल्ली में
भी लोगों ने
तेज झटके महसूस
किए थे।
जनवरी 2024 में भी दिल्ली-एनसीआर
में कई बार भूकंप के
झटके महसूस किए
गए। 23 जनवरी को
आए भूकंप की
तीव्रता 7.2 थी और
इसका केंद्र चीन
का दक्षिणी झिंजियांग
क्षेत्र था। 11 जनवरी
2024 को भी अफगानिस्तान
में आए 6.1 तीव्रता
के भूकंप ने
दिल्ली की धरती को हिला
दिया था।
भूकंप क्यों आता
है?
भूकंप आने
की प्रमुख वजह
टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल है। धरती
के अंदर कुल
सात टेक्टोनिक प्लेट्स
हैं, जो लगातार
घूमती रहती हैं।
जब ये प्लेट्स
आपस में टकराती
हैं, तो धरती पर कंपन
महसूस होता है।
जिस स्थान पर
ये प्लेट्स ज्यादा
टकराती हैं, उसे
फॉल्ट लाइन कहा
जाता है। जब प्लेट्स का टकराव
बढ़ जाता है और दबाव
बहुत ज्यादा हो
जाता है, तो प्लेट्स टूटने लगती
हैं और ऊर्जा
बाहर निकलती है,
जिससे भूकंप आता
है।
भूकंप से कैसे
बचें?
विशेषज्ञों के अनुसार,
भूकंप के दौरान
और बाद में सावधानी बरतकर जान-माल के
नुकसान को कम किया जा
सकता है।
- भूकंप
के समय अगर आप घर के अंदर हैं:
- किसी
मजबूत टेबल या फर्नीचर
के नीचे छिप जाएं।
- दरवाजे,
खिड़कियों और कांच से
दूर रहें।
- लिफ्ट
का इस्तेमाल न करें।
- अगर
आप बाहर हैं:
- ऊंची
इमारतों, बिजली के खंभों
और पेड़ों से दूर
रहें।
- जब
तक झटके खत्म न
हो जाएं, बाहर ही
रहें।
- अगर
आप वाहन चला रहे हैं:
- गाड़ी
को तुरंत रोक दें
और उसमें ही बैठे
रहें।
- पुल,
फ्लाईओवर और अन्य कमजोर
संरचनाओं से दूर रहें।
भूकंप के बाद
क्या करें?
- इमारतों
की जांच करें
कि कहीं कोई
दरार तो नहीं आई
है।
- गैस,
बिजली और पानी की
लाइनों को चेक करें।
- बचाव
दल और प्रशासन
के निर्देशों का
पालन करें।
निष्कर्ष
दिल्ली-एनसीआर
में बार-बार आ रहे
भूकंप ने लोगों
की चिंता बढ़ा
दी है। भूकंप
से बचाव के लिए जरूरी
उपाय अपनाना बेहद
आवश्यक है। सरकार
और प्रशासन की
ओर से भी लगातार जागरूकता
अभियान चलाए जा रहे हैं।
आज सुबह आए इस भूकंप
ने एक बार फिर यह
याद दिला दिया
कि प्राकृतिक आपदाओं
के लिए हमेशा
तैयार रहना चाहिए।
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