नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज से छह दिवसीय 'ग्रामीण भारत महोत्सव-2025' का आयोजन शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस महोत्सव का उद्घाटन प्रगति मैदान के भारत मंडपम में करेंगे। यह महोत्सव ग्रामीण भारत की उद्यमशीलता, सांस्कृतिक विरासत और विकास को समर्पित है, और इसके उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी सुबह 10:30 बजे उद्घाटन भाषण देंगे। महोत्सव का समापन 9 जनवरी को होगा।

 

विकसित भारत 2047 के लिए ग्रामीण भारत का निर्माण:
महोत्सव का विषय 'विकसित भारत 2047 के लिए एक समावेशी ग्रामीण भारत का निर्माण' है, और इसका ध्येय वाक्य 'गांव बढ़े, तो देश बढ़े' रखा गया है। यह आयोजन ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास, आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के निर्माण और ग्रामीण समुदायों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यशालाओं, चर्चा सत्रों और योजनाओं के माध्यम से आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव का उद्देश्य विशेष रूप से वित्तीय समावेशन, टिकाऊ कृषि विधियों और उत्तर-पूर्व भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देना है।

 

महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण उद्यमिता पर जोर:
इस महोत्सव का एक महत्वपूर्ण पहलू ग्रामीण महिलाओं को उद्यमिता के माध्यम से सशक्त बनाना है। इसका उद्देश्य सहयोगात्मक और सामूहिक ग्रामीण परिवर्तन के लिए योजनाओं का प्रारूप तैयार करना है। महोत्सव में सरकारी अधिकारियों, ग्रामीण उद्यमियों, कारीगरों और विभिन्न क्षेत्रों के हितधारकों को एक साथ लाने का प्रयास किया जाएगा। इसके माध्यम से ग्रामीण आजीविका को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी और नवीन विधियों का लाभ उठाने पर चर्चा होगी।

 

ग्रामीण भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव:
ग्रामीण भारत महोत्सव में देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक भी देखने को मिलेगी। यह आयोजन ग्रामीण भारत के जीवन, संस्कृति और कला के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने के साथ-साथ आने वाले समय में समावेशी विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए प्रेरित करेगा।

 

उद्यमिता और नवाचार के माध्यम से विकास की दिशा:
महोत्सव के आयोजकों ने इस महोत्सव को ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देने और नवाचार के लिए एक मंच प्रदान करने के रूप में देखा है। इसके जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवसायिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और ग्रामीण समुदायों की आय में वृद्धि होगी।

 

ग्रामीण भारत महोत्सव-2025 न केवल ग्रामीण विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा, बल्कि यह भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की भावना को भी बल देगा।