नई दिल्ली/अमरावती: देश के कई राज्यों में जहां कोविड-19
संक्रमण के मामलों में धीरे-धीरे वृद्धि देखी जा रही है, वहीं आंध्र प्रदेश ने फिलहाल
राहत की सांस ली है। राज्य सरकार ने पुष्टि की है कि आंध्र प्रदेश में इस समय एक भी
सक्रिय कोविड-19 मामला नहीं है, जो कि देश के लिए एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि,
एहतियात के तौर पर सरकार ने भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया
है और नई स्वास्थ्य एडवाइजरी भी जारी की गई है।
पड़ोसी राज्यों में मामलों की
बढ़ोतरी, सतर्क हुई सरकार
राज्य के स्वास्थ्य, चिकित्सा
और परिवार कल्याण विभाग ने स्पष्ट किया कि पड़ोसी राज्यों—केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र
और कर्नाटक—में बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्कता जरूरी है। राज्य सरकार ने सिनेमा
हॉल, मॉल, बाजार, पूजा स्थल और सार्वजनिक परिवहन जैसे स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य
कर दिया है।
स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी
में क्या कहा गया है?
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी
एडवाइजरी में नागरिकों से अपील की गई है कि वे सावधानी बरतें और कोविड अनुरूप व्यवहार
अपनाएं।
प्रमुख निर्देश निम्नलिखित हैं:
- लक्षण
दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें: बुखार, खांसी, गले में खराश जैसे लक्षण
नजर आने पर तत्काल चिकित्सा सलाह लें।
- भीड़भाड़
से बचें: सार्वजनिक कार्यक्रमों, सामाजिक समारोहों और धार्मिक आयोजनों से यथासंभव
दूरी बनाए रखें।
- बुजुर्गों
और गर्भवती महिलाओं को विशेष सतर्कता: 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों और गर्भवती
महिलाओं को भीड़ से दूर रहने और घर पर ही सुरक्षित रहने की सलाह दी गई है।
- स्वच्छता
और मास्क का पालन करें: बार-बार हाथ धोना, छींकते/खांसते समय मुंह ढंकना और बंद
स्थानों में मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है।
- यात्रियों
की निगरानी: कोविड प्रभावित क्षेत्रों से लौटे यात्रियों को टेस्ट कराने और लक्षण
होने पर खुद को अलग रखने की सलाह दी गई है।
महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के
अनुसार, जनवरी 2025 से अब तक दो कोविड संक्रमितों की मृत्यु हुई है, जो पहले से गंभीर
बीमारियों से ग्रस्त थे। मुंबई में 101 मामले सामने आए हैं, जबकि 52 लोगों में कोविड
के शुरुआती लक्षण पाए गए हैं।
सरकार की तैयारी और अपील
आंध्र प्रदेश सरकार ने अपनी ओर
से पूरी तैयारी कर रखी है। राज्य में टेस्टिंग, ट्रैकिंग और मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर
को अलर्ट पर रखा गया है। सरकार ने नागरिकों से घबराने की बजाय सतर्क रहने और जारी दिशानिर्देशों
का पालन करने की अपील की है।
देश में कोविड की यह नई लहर फिलहाल
नियंत्रण में है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है। संक्रमण
दर कम होने के बावजूद किसी भी तरह की लापरवाही आगे चलकर गंभीर चुनौती बन सकती है।
पड़ोसी राज्यों में मामलों की
बढ़ोतरी, सतर्क हुई सरकार
राज्य के स्वास्थ्य, चिकित्सा
और परिवार कल्याण विभाग ने स्पष्ट किया कि पड़ोसी राज्यों—केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र
और कर्नाटक—में बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्कता जरूरी है। राज्य सरकार ने सिनेमा
हॉल, मॉल, बाजार, पूजा स्थल और सार्वजनिक परिवहन जैसे स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य
कर दिया है।
स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी
में क्या कहा गया है?
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी
एडवाइजरी में नागरिकों से अपील की गई है कि वे सावधानी बरतें और कोविड अनुरूप व्यवहार
अपनाएं।
प्रमुख निर्देश निम्नलिखित हैं:
- लक्षण
दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें: बुखार, खांसी, गले में खराश जैसे लक्षण
नजर आने पर तत्काल चिकित्सा सलाह लें।
- भीड़भाड़
से बचें: सार्वजनिक कार्यक्रमों, सामाजिक समारोहों और धार्मिक आयोजनों से यथासंभव
दूरी बनाए रखें।
- बुजुर्गों
और गर्भवती महिलाओं को विशेष सतर्कता: 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों और गर्भवती
महिलाओं को भीड़ से दूर रहने और घर पर ही सुरक्षित रहने की सलाह दी गई है।
- स्वच्छता
और मास्क का पालन करें: बार-बार हाथ धोना, छींकते/खांसते समय मुंह ढंकना और बंद
स्थानों में मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है।
- यात्रियों
की निगरानी: कोविड प्रभावित क्षेत्रों से लौटे यात्रियों को टेस्ट कराने और लक्षण
होने पर खुद को अलग रखने की सलाह दी गई है।
महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के
अनुसार, जनवरी 2025 से अब तक दो कोविड संक्रमितों की मृत्यु हुई है, जो पहले से गंभीर
बीमारियों से ग्रस्त थे। मुंबई में 101 मामले सामने आए हैं, जबकि 52 लोगों में कोविड
के शुरुआती लक्षण पाए गए हैं।
सरकार की तैयारी और अपील
आंध्र प्रदेश सरकार ने अपनी ओर
से पूरी तैयारी कर रखी है। राज्य में टेस्टिंग, ट्रैकिंग और मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर
को अलर्ट पर रखा गया है। सरकार ने नागरिकों से घबराने की बजाय सतर्क रहने और जारी दिशानिर्देशों
का पालन करने की अपील की है।
देश में कोविड की यह नई लहर फिलहाल
नियंत्रण में है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है। संक्रमण
दर कम होने के बावजूद किसी भी तरह की लापरवाही आगे चलकर गंभीर चुनौती बन सकती है।
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