पटना: पटना हवाई अड्डे पर हाल ही में एक असामान्य और चिंताजनक घटना हुई, जिसने विमान यात्रा की सुरक्षा को लेकर नई बहस छेड़ दी है। दिल्ली से शिलॉंग जा रही फ्लाइट में अचानक विंडस्क्रीन में दरार आ जाने से हड़कंप मच गया। इस अप्रत्याशित स्थिति में पायलट की सूझबूझ और तुरंत की गई कार्रवाई ने 120 यात्रियों की जान बचा ली। घटना के बाद विमान की पटना में आपात लैंडिंग कराई गई, और सभी यात्री सुरक्षित उतारे गए।

 

विंडस्क्रीन में दरार

यह घटना उस समय घटी जब विमान अपने निर्धारित मार्ग पर उड़ान भर रहा था। उड़ान के दौरान पायलट को विंडस्क्रीन में दरार नजर आई। विमान के लिए यह बेहद संवेदनशील स्थिति थी क्योंकि हवा के दबाव में अचानक बदलाव या अन्य तकनीकी समस्याओं के कारण गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता था। पायलट ने समय रहते इसकी सूचना एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को दी और तुरंत आपात लैंडिंग की अनुमति मांगी।

 

पटना हवाई अड्डे पर आपातकालीन स्थिति के लिए तैयारी की गई। एटीसी ने रनवे को साफ कराया और अग्निशमन दल के साथ-साथ एंबुलेंस को भी अलर्ट पर रखा। पायलट ने पूरी सावधानी के साथ विमान को सुरक्षित लैंड कराया।

 

यात्रियों की प्रतिक्रिया

घटना के समय विमान में बैठे यात्रियों ने इस अप्रत्याशित स्थिति का सामना किया। कई यात्रियों ने बताया कि उन्हें शुरू में विमान में हो रही असामान्य हलचल का कारण समझ नहीं आया। जब उन्हें बताया गया कि विमान की विंडस्क्रीन में दरार आ गई है और आपात लैंडिंग कराई जा रही है, तो उनमें डर और घबराहट फैल गई। हालांकि, पायलट और केबिन क्रू ने स्थिति को नियंत्रित रखने की कोशिश की और यात्रियों को शांत रहने का आग्रह किया।

 

पटना पहुंचने के बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली। सभी यात्री सुरक्षित थे, और विमानन कंपनी ने तुरंत दूसरी फ्लाइट की व्यवस्था कर उन्हें उनके गंतव्य तक भेजा। कुछ यात्रियों ने पायलट की प्रशंसा की, जिनकी त्वरित और सटीक कार्रवाई से उनकी जान बच गई।

 

तकनीकी जांच और सवाल

घटना के बाद विमानन कंपनी और संबंधित प्राधिकरणों ने विमान की विंडस्क्रीन में आई दरार की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, यह दरार तकनीकी खराबी के कारण हो सकती है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह खराबी विमान के निर्माण दोष का परिणाम थी या रखरखाव में लापरवाही का।

 

इस घटना ने विमान यात्रा की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि विमान के नियमित रखरखाव और तकनीकी निरीक्षण में और सख्ती बरतने की जरूरत है। इस तरह की घटनाएं विमान यात्रा को लेकर यात्रियों के विश्वास को भी प्रभावित कर सकती हैं।

 

पटना हवाई अड्डे पर हुई इस घटना ने विमानन सुरक्षा के प्रति सजगता बढ़ाने का एक और कारण दिया है। पायलट और ग्राउंड स्टाफ की सतर्कता ने एक बड़े हादसे को टाल दिया। हालांकि, यह घटना विमान कंपनियों और विमानन प्राधिकरणों के लिए एक चेतावनी है कि तकनीकी निरीक्षण और सुरक्षा प्रक्रियाओं में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए। यात्रियों की सुरक्षा हर परिस्थिति में प्राथमिकता होनी चाहिए।