7 मई 2025 की सुबह भारतीय रक्षा रणनीति के इतिहास में एक और निर्णायक अध्याय जुड़ गया। 'ऑपरेशन सिंदूर' नामक इस विशेष सैन्य अभियान के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए। यह कार्रवाई कश्मीर के पहलगाम में 26 हिंदू तीर्थयात्रियों की निर्मम हत्या के प्रतिशोध में की गई, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।

इस ऑपरेशन को भारतीय वायुसेना ने अंजाम दिया, जिसमें अत्याधुनिक राफेल लड़ाकू विमानों, SCALP क्रूज़ मिसाइलों और AASM हैमर बमों का उपयोग किया गया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह अभियान केवल 23 मिनट चला, लेकिन इसके प्रभाव ने पाकिस्तान में दहशत की लहर दौड़ा दी। हमलों के दौरान पाकिस्तान के बहावलपुर, कोटली, मुजफ्फराबाद और खैबर पख्तूनख्वा जैसे क्षेत्रों में स्थित 9 प्रमुख आतंकी ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया। भारत का दावा है कि इस हमले में कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए हैं।

सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर को अत्यंत गोपनीयता और रणनीतिक सटीकता के साथ अंजाम दिया गया। इसमें भारतीय वायुसेना के साथ-साथ खुफिया एजेंसियों की भूमिका भी अहम रही। लक्ष्य पहले से ही ड्रोन और सैटेलाइट के माध्यम से चिन्हित किए जा चुके थे, जिससे हमले की सफलता सुनिश्चित की जा सके।

यह पहला मौका नहीं है जब भारत ने आतंकी हमलों के जवाब में सीधे सीमापार कार्रवाई की हो। इससे पहले 2016 में 'सर्जिकल स्ट्राइक' और 2019 में 'बालाकोट एयरस्ट्राइक' जैसे ऑपरेशन किए जा चुके हैं। लेकिन 'ऑपरेशन सिंदूर' की तीव्रता और व्यापकता इसे विशेष बनाती है। इसका उद्देश्य केवल बदला लेना नहीं था, बल्कि यह एक स्पष्ट संदेश भी था—भारत अब आतंकवाद के खिलाफ ‘प्रतिक्रिया’ नहीं, ‘प्रतिकार’ की नीति अपना चुका है।

सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि यह हमला पाकिस्तान की सेना या उसकी संप्रभुता के खिलाफ नहीं था, बल्कि उन आतंकी संगठनों के विरुद्ध था जो पाकिस्तान की जमीन से भारत में हिंसा फैला रहे हैं। इस ऑपरेशन ने भारतीय जनता और राजनीतिक दलों के बीच व्यापक समर्थन पाया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "यह कार्यवाही आतंकवाद के खिलाफ हमारी ज़ीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है। अगर पाकिस्तान फिर उकसाएगा, तो जवाब और भी कठोर होगा।"

हालांकि, इस अभियान के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। पाकिस्तान ने इसे युद्ध की कार्यवाही बताया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की अपील की है। लेकिन भारत ने दो टूक कहा है कि जब तक सीमा पार से आतंकवाद नहीं रुकता, तब तक ऐसे अभियान भविष्य में भी जारी रह सकते हैं।

निष्कर्ष

ऑपरेशन सिंदूर न केवल आतंकवादियों को करारा संदेश है, बल्कि यह भारत की सुरक्षा नीति में आए बदलाव का प्रतीक भी है—एक ऐसा भारत जो अब सहन नहीं करता, बल्कि करारा जवाब देता है।

-GPN Bihar news desk