नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFC) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFC) के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) से जुड़े नए नियम जारी किए हैं। ये नियम जनवरी 2025 से लागू होंगे, जिनका मुख्य उद्देश्य निवेशकों को अधिक सुविधा और सुरक्षा प्रदान करना है। आइए जानते हैं इन बदलावों के मुख्य बिंदु के बारे में:

 

मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालने की सुविधा

नए नियमों के तहत, छोटी जमाराशियों पर विशेष ध्यान दिया गया है।

  • ₹10,000 तक की एफडी: निवेशक समय से पहले अपनी पूरी जमा राशि निकाल सकते हैं, लेकिन इस पर ब्याज नहीं मिलेगा।
  • ₹10,000 से अधिक की एफडी: निकासी की अनुमति केवल 10 महीने की अवधि पूरी होने के बाद मिलेगी।
  • अन्य जमाराशियां: 3 महीने तक ब्याज नहीं मिलेगा। हालांकि, मूल राशि का 50% (अधिकतम ₹5 लाख तक) निकासी की जा सकती है।
  • गंभीर बीमारी के मामलों में: ग्राहकों को मैच्योरिटी से पहले पूरी जमा राशि निकालने की सुविधा दी जाएगी।

 

नॉमिनेशन प्रक्रिया में बदलाव

आरबीआई ने नॉमिनेशन प्रक्रिया को पारदर्शी और निवेशकों के हित में सुधारित किया है:

1.  नामांकन की स्वीकृति: एनबीएफसी को अब ग्राहकों को नामांकन फॉर्म जमा करने, बदलाव या रद्दीकरण के लिए स्वीकृति रसीद देनी होगी।

2.  पासबुक और रसीद पर अपडेट: सभी एफडी पासबुक और रसीद पर “नामांकन पंजीकृत” शब्द अनिवार्य रूप से अंकित करना होगा।

 

मैच्योरिटी नोटिफिकेशन की समय सीमा घटाई

एफडी मैच्योरिटी से संबंधित नोटिस की अवधि में भी बदलाव किया गया है। पहले, कंपनियों को मैच्योरिटी से दो महीने पहले सूचना देनी होती थी। अब, यह समय घटाकर 14 दिन कर दिया गया है। यह कदम ग्राहकों को अपनी योजनाएं बेहतर तरीके से प्रबंधित करने का अवसर देगा।

 

छोटी जमाराशियों पर फोकस

आरबीआई के दिशा-निर्देशों का मुख्य उद्देश्य छोटे निवेशकों को सुविधा और सुरक्षा प्रदान करना है। निकासी प्रक्रिया को सरल बनाने और नामांकन के जरिए सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय किए गए हैं।

 

निवेशकों के लिए क्या मायने रखते हैं ये बदलाव?

1.  ग्राहकों की सुविधा: छोटे निवेशकों को समय पर निकासी और जानकारी उपलब्ध होगी।

2.  पारदर्शिता बढ़ेगी: नॉमिनेशन प्रक्रिया में बदलाव से ग्राहकों को उनके अधिकारों और जमाराशियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

3.  कंपनियों की जवाबदेही बढ़ेगी: मैच्योरिटी नोटिफिकेशन और पासबुक में अपडेट जैसे बदलाव निवेशकों के विश्वास को बढ़ाने में सहायक होंगे।

 

निवेशकों के लिए सुझाव

1.  अपने निवेश की जानकारी और नॉमिनेशन अपडेट रखें।

2.  मैच्योरिटी से पहले निकासी की शर्तों को ध्यान में रखते हुए एफडी में निवेश करें।

3.  कंपनियों से अपने अधिकारों और नई सुविधाओं के बारे में जानकारी मांगें।

 

जनवरी 2025 से लागू ये नए नियम निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि छोटे निवेशकों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करना अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक होगा।

 

फोटो साभार: गूगल