नई दिल्ली/यरुशलम: इजरायल और
ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारत
के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर ईरान के साथ चल रही मौजूदा स्थिति की जानकारी
दी। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि नेतन्याहू ने उन्हें नवीनतम घटनाक्रमों
से अवगत कराया, जिस पर उन्होंने भारत की गहरी चिंताओं से अवगत कराया और क्षेत्र में
शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली की आवश्यकता पर जोर दिया।
यह फोन कॉल इजरायल द्वारा ईरान पर बड़े
पैमाने पर हवाई हमलों के बाद आया है, जिसके बाद नेतन्याहू ने उच्चस्तरीय कूटनीतिक बातचीत
शुरू कर दी है। इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, नेतन्याहू ने दुनिया के कई
राष्ट्राध्यक्षों को फोन कर मौजूदा स्थिति की जानकारी दी है, ताकि इजरायल के सैन्य
अभियानों के पीछे के तर्क को स्पष्ट किया जा सके।
वैश्विक नेताओं से नेतन्याहू की बातचीत
पीएम मोदी के अलावा, नेतन्याहू ने जर्मनी
के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से भी फोन पर बात
की है। जल्द ही वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर
पुतिन और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से भी बात करने वाले हैं। यह व्यापक कूटनीतिक
पहुंच इजरायल के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने और ईरान के साथ अपने टकराव के औचित्य
को समझाने की नेतन्याहू सरकार की कोशिशों का हिस्सा है।
भारत ने दोनों देशों से तनाव बढ़ाने
वाले किसी भी कदम से बचने का आग्रह किया है। भारत का यह रुख क्षेत्र में शांति और स्थिरता
बनाए रखने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो उसके रणनीतिक और आर्थिक हितों के
लिए महत्वपूर्ण है।
इजरायल ने ईरान पर किया हमला: परमाणु
कार्यक्रम और मिसाइलों को निशाना बनाया
बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायल के हमले
के पीछे के कारणों को स्पष्ट करते हुए ईरानी परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को इजरायल
के अस्तित्व के लिए खतरा बताया है। ईरान पर हमले के बाद उन्होंने कहा, "हमने ईरान
के परमाणु हथियार कार्यक्रम के केंद्र पर हमला किया है। हमने ईरानी (परमाणु) बम पर
काम कर रहे ईरान के प्रमुख परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया है। हमने ईरान के बैलिस्टिक
मिसाइल कार्यक्रम के केंद्र पर भी हमला किया है।" इजरायल का दावा है कि ये हमले
उसकी आत्मरक्षा में किए गए हैं, जिसका उद्देश्य ईरान की परमाणु क्षमताओं और मिसाइल
शस्त्रागार को कमजोर करना है।
रूस ने जारी की यात्रा चेतावनी, इजरायल
के हमले की निंदा की
इस बीच, रूस ने अपने नागरिकों को ईरान
और इजरायल की यात्रा पर न जाने की सलाह दी है। रूस के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी
एडवाइजरी में युद्ध क्षेत्र वाले सैन्य ठिकानों और व्यस्त सार्वजनिक स्थानों से दूर
रहने को कहा है। यह चेतावनी क्षेत्र में बढ़ते सुरक्षा जोखिमों को रेखांकित करती है।
रूस ने इजरायल के हवाई हमलों की कड़ी
निंदा की है। रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "हम पश्चिम एशिया में तनाव
के खतरनाक ढंग से बढ़ने पर बड़ी चिंता व्यक्त करते हैं। हम 13 जून की रात को संयुक्त
राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हुए इजरायल की ओर से की गई
सैन्य कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं।" रूस का यह रुख इस बात को दर्शाता है
कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में इजरायल के हालिया सैन्य अभियानों पर एकमत नहीं है, और
कुछ देश इन कार्रवाइयों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन मान रहे हैं।
यह स्थिति मध्य पूर्व में एक बड़े क्षेत्रीय
संघर्ष के जोखिम को बढ़ाती है, जिससे वैश्विक स्थिरता और ऊर्जा बाजारों पर गंभीर प्रभाव
पड़ सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब इस बात पर गहरी नज़र रख रहा है कि दोनों देशों
के बीच तनाव आगे कैसे बढ़ता है और क्या कूटनीतिक प्रयास किसी बड़े संघर्ष को टालने
में सफल होंगे।
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