नई दिल्ली/मुंबई: 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर
हुसैन राणा से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पूछताछ शुरू कर दी है। भारत लाए
जाने के बाद पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा 18 दिन की NIA रिमांड पर भेजे गए राणा से
166 लोगों की मौत का हिसाब लिया जा रहा है। जांच एजेंसी का मकसद इस भयावह हमले की
पूरी साजिश को उजागर करना है।
शुक्रवार को पूछताछ का पहला दिन
था, जिसमें लंबी यात्रा के कारण ज्यादा पूछताछ नहीं हो सकी। हालांकि, आज यानी
शनिवार को NIA की टीम सवालों की एक विस्तृत सूची के साथ राणा से ताबड़तोड़ पूछताछ
करेगी। जांचकर्ताओं का ध्यान मुख्य रूप से डेविड हेडली के साथ राणा के कनेक्शन और
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई व आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका पर
केंद्रित है।
इस बीच, NIA सूत्रों से एक बड़ा
खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, आतंकी तहव्वुर राणा और डेविड हेडली के बीच
मुंबई हमले से पहले करीब 231 बार फोन कॉल पर बातचीत हुई थी। NIA की टीम अब इन कॉल
डिटेल्स की गहन जांच कर रही है। एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हेडली
और राणा के बीच इतनी बार बातचीत का क्या उद्देश्य था, उन दिनों में क्या-क्या
योजनाएं बनाई गईं और एक-दूसरे से कौन सी महत्वपूर्ण सूचनाएं साझा की गईं।
NIA सूत्रों के मुताबिक, हेडली की
भारत यात्राओं के दौरान हुई बातचीत का विवरण इस प्रकार है:
- पहली रेकी यात्रा के दौरान: 32 बार
- दूसरी यात्रा के दौरान: 23 बार
- तीसरी यात्रा के दौरान: 40 बार
- चौथी यात्रा के दौरान: कोई बातचीत नहीं
- पांचवीं यात्रा के दौरान: 37 बार
- छठी यात्रा के दौरान: 33 बार
- सातवीं यात्रा के दौरान: कोई बातचीत
नहीं
- आठवीं यात्रा के दौरान: 66 बार
NIA अब इन मुलाकातों और फोन कॉल्स
के समय और विषयवस्तु की गहराई से पड़ताल करेगी, ताकि हमले की साजिश की परतों को
खोला जा सके।
गुरुवार को भारत लाए गए तहव्वुर
राणा को सीधे NIA मुख्यालय ले जाया गया, जहां उसे सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित एक उच्च
सुरक्षा वाली कोठरी में रखा गया है। सुरक्षाकर्मी चौबीसों घंटे उसकी निगरानी कर
रहे हैं और उसे आवश्यक बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। इस महत्वपूर्ण
जांच का नेतृत्व NIA की उपमहानिरीक्षक जया रॉय कर रही हैं, जो इस मामले की मुख्य
जांच अधिकारी भी हैं।
गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को
हुए मुंबई आतंकी हमलों में 166 लोगों की जान चली गई थी और 238 से अधिक लोग घायल
हुए थे। माना जाता है कि यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा
द्वारा रचा गया था। NIA की इस पूछताछ का उद्देश्य हमले की साजिश में शामिल सभी
व्यक्तियों और संगठनों के बारे में ठोस जानकारी जुटाना है, ताकि पीड़ितों को न्याय
मिल सके।
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