पूर्णिया: पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव
ने लोकसभा में पूर्णिया में त्रिभुवन विश्वविद्यास्थापना की मांग रखी। इसके साथ ही
उन्होंने बिहार से हो रहे पलायन, सहकारिता संस्थाओं में भ्रष्टाचार और कृषि क्षेत्र
की उपेक्षा जैसे मुद्दों को भी उठाया।
पप्पू यादव ने कहा कि "बिहार शिक्षा और सहकारिता आंदोलन का जन्मस्थान रहा है।
गांधी जी, विनोबा भावे और सहजानंद सरस्वती जैसे महान लोगों ने यहां से आंदोलन शुरू
किए थे। ऐसे में पूर्णिया और पटना में त्रिभुवन विश्वविद्यालय की स्थापना से क्षेत्र
के छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।
उन्होंने बताया कि "बिहार से सबसे ज्यादा पलायन होता है। आईआईटी, आईआईएम, आईएएस
और आईआरएस जैसे क्षेत्रों में बिहार के लोगों की भागीदारी सबसे अधिक है, लेकिन राज्य
में रोजगार के अवसर नहीं हैं। पंजाब और देश के अन्य हिस्सों में बिहार के मजदूरों के
साथ भेदभाव हो रहा है।
पप्पू यादव ने सहकारिता संस्थाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार पर निशाना साधते हुए कहा कि
"ये संस्थाएं अब लूट के अड्डे बन गई हैं। नैफेड और अन्य संस्थाएं किसानों के धान-गेहूं
की लूट में लगी हैं। इनके चेयरमैन करोड़ों रुपये कमा चुके हैं, लेकिन इनकी जांच नहीं
हो रही है।
उन्होंने कहा कि "कोसी, सीमांचल और मिथिला क्षेत्र में दूध, मछली, मक्का और मखाने
का सबसे अधिक उत्पादन होता है, लेकिन सरकार ने इन क्षेत्रों के विकास पर ध्यान नहीं
दिया है। सहकारिता बैंकों की स्थिति खराब है, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है।
पप्पू यादव ने कहा कि "भारत में रिसर्च पर सबसे कम खर्च होता है। अगर हम टेक्नोलॉजी
और रिसर्च पर निवेश नहीं बढ़ाएंगे, तो वैश्विक प्रतिस्पर्धा में पिछड़ जाएंगे।पप्पू
यादव ने सरकार से मांग की कि "पूर्णिया में त्रिभुवन विश्वविद्यालय की स्थापना
की जाए, सहकारिता संस्थाओं की जांच हो और किसानों के हितों की रक्षा की जाए।हिस
पूर्णिया में त्रिभुवन विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग को लेकर सांसद पप्पू यादव ने उठाई आवाज

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