नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस
रविंद्र डूडेजा की बेंच ने लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव
की सीबीआई की ओर से दायर एफआईआर और चार्जशीट रद्द करने की मांग करने वाली याचिका खारिज
कर दी है। कोर्ट ने 29 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में सीबीआई ने लालू
प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती समेत 16 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
लालू यादव ने लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई की ओर से दायर एफआईआर और चार्जशीट को रद्द
करने की मांग की थी। सुनवाई के दौरान लालू यादव की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल
ने दलील दी थी कि 2004 से 2009 के बीच कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई। मामले में क्लोजर
रिपोर्ट दाखिल होने के बाद 2020 में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की, जो एक तरह से प्रताड़ित
करना है।
सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश वकील डीपी सिंह ने लालू यादव की याचिका का विरोध
करते हुए कहा था कि लालू यादव के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए भ्रष्टाचार निरोधक कानून
की धारा 19 के तहत जरुरी अनुमति ली गई थी। इस पर सिब्बल ने कहा था कि भ्रष्टाचार निरोधक
कानून की धारा 19 के पहले धारा 17ए के तहत जरुरी अनुमति लेनी होती है, जो नहीं ली गई।
तब डीपी सिंह ने कहा था कि 17ए के तहत जरुरी अनुमति के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी
बेंच के समक्ष मामला लंबित है। डीपी सिंह ने कहा था कि ये मामला लोकसेवक से जुड़ा हुआ
है, जो मंत्री के लोगों की ओर से जमीन के बदले नौकरी के आधार पर रेलवे के ग्रुप डी
में सेलेक्शन किया गया था। इस पर कोर्ट ने कहा था कि अभियोजन चलाने के लिए पूर्व अनुमति
से जुड़ा मसला ट्रायल कोर्ट में भी उठाया जा सकता था। तब सिब्बल ने कहा था कि ट्रायल
कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है और उसके राय बदलने की गुंजाइश नहीं है।हिस
लैंड फॉर जॉब घोटाला : दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज की लालू यादव की याचिका

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