बेंगलुरु: एशिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस
प्रदर्शनी 'एयरो इंडिया' के पहले दिन भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान एलसीए तेजस मार्क-1ए
ने शानदार उड़ान भरकर इतिहास रच दिया। सोमवार को बेंगलुरु के आसमान में चार तेजस लड़ाकू
विमानों ने ‘फिंगर फोर’ फॉर्मेशन में उड़ान भरते हुए अपने अद्भुत कौशल का प्रदर्शन
किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की
उपस्थिति में तेजस एमके-1ए के दूसरे प्रोटोटाइप ने हवाई करतब दिखाए, जिससे भारतीय वायुसेना
की शक्ति और आत्मनिर्भर भारत मिशन को नई मजबूती मिली। यह विमान एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक
वारफेयर सिस्टम, डिजिटल रडार चेतावनी रिसीवर और एईएसए रडार से लैस है, जिससे यह पहले
की तुलना में अधिक घातक और प्रभावी बन गया है।
तेजस की डिलीवरी में देरी और
समाधान:
एलसीए तेजस एमके-1ए का सॉफ्टवेयर
परीक्षण काफी पहले पूरा हो चुका था, लेकिन अमेरिकी जनरल इलेक्ट्रिक एफ-404 इंजन की
आपूर्ति में देरी के कारण इसका पहला विमान भारतीय वायुसेना को मिलने में विलंब हुआ।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वाशिंगटन यात्रा के दौरान इस मुद्दे को उठाया, जिसके बाद
इंजन निर्माता कंपनी ने आपूर्ति कार्यक्रम को संशोधित किया।
भारतीय वायुसेना को कब मिलेगा
तेजस एमके-1ए?
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड
(HAL) को भारतीय वायुसेना के लिए मार्च 2024 से तेजस एमके-1ए की आपूर्ति शुरू करनी
थी, लेकिन सॉफ्टवेयर अपग्रेड के कारण इसमें कुछ महीने की देरी हुई। पहला विमान अक्टूबर
2024 के अंत तक भारतीय वायुसेना को सौंपा जाएगा।
आने वाले वर्षों में होगा तेजस
का बड़ा बेड़ा:
भारतीय वायुसेना के लिए 2027
तक कुल 83 तेजस एमके-1ए विमान तैयार किए जाएंगे, जिनमें 73 लड़ाकू विमान और 10 ट्रेनर
वेरिएंट शामिल होंगे। हर साल 20 तेजस एमके-1ए विमान वायुसेना को मिलेंगे। वर्तमान में
इस विमान में 50% स्वदेशी सामग्री है, जिसे भविष्य में 60% तक बढ़ाया जाएगा।
स्वदेशी तेजस से मिलेगी नई ताकत:
एलसीए तेजस एमके-1ए एक बहु-भूमिका
लड़ाकू विमान है, जो हवाई युद्ध, आक्रामक हमले और जमीनी अभियानों के लिए पूरी तरह सक्षम
है। एयरो इंडिया में इस प्रदर्शन ने भारत की रक्षा ताकत को न सिर्फ दिखाया बल्कि 'मेक
इन इंडिया' पहल को भी नया आयाम दिया।
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