नई दिल्ली/इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया है कि भारत अब पाकिस्तान पर दूसरा सैन्य हमला नहीं करेगा। उन्होंने अपने इस दावे के समर्थन में तीन प्रमुख कारणों का उल्लेख किया—अंतरराष्ट्रीय समर्थन, ट्रंप की कूटनीति और भारत की आर्थिक कमजोरी। शरीफ का यह बयान ऐसे समय आया है जब दोनों देशों के बीच लंबे समय से तनाव की स्थिति बनी हुई है।

 

"भारत को होगा युद्ध का विनाश झेलना"

मंगलवार को पाकिस्तानी मीडिया से बातचीत में शहबाज शरीफ ने कहा, “हम संघर्ष के दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन हम हर परिदृश्य के लिए तैयार हैं। हालांकि, भारत की आर्थिक प्रगति को देखते हुए युद्ध उनके लिए पूरी तरह से विनाशकारी होगा और उसका खामियाजा भारत को ही भुगतना पड़ेगा।” शरीफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की नीति अब पारदर्शिता और कूटनीति पर आधारित है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें समर्थन मिल रहा है।

 

शहबाज ने बताए भारत पर हमले न करने के तीन कारण

प्रधानमंत्री शरीफ ने तीन कारण गिनाए कि क्यों भारत अब पाकिस्तान पर आगे सैन्य कदम नहीं उठाएगा:

1.  अंतरराष्ट्रीय समर्थन और पारदर्शिता
उन्होंने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने अमेरिका समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जांच में शामिल होने का न्योता दिया था। इससे पाकिस्तान की पारदर्शिता पर अंतरराष्ट्रीय भरोसा बढ़ा है।

2.  "ट्रंप कारक"
शरीफ ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कूटनीति को दूसरा कारण बताया। उन्होंने कहा, “ट्रंप ने भारत-पाक संकट को शांतिपूर्वक सुलझाने में निर्णायक भूमिका निभाई है और इसे अपनी बड़ी जीत मानते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप युद्ध नहीं, बल्कि शांति के व्यक्ति हैं और वह इस पहल को यूं ही नहीं छोड़ेंगे।

3.  भारत का आर्थिक नुकसान
तीसरे कारण के रूप में शरीफ ने कहा कि भारत की आर्थिक विकास दर और वैश्विक छवि के लिए युद्ध एक भारी विनाशकारी विकल्प होगा। उन्होंने कहा, “अगर युद्ध होता है तो भारत को अपनी ही प्रगति का नुकसान झेलना पड़ेगा।”

 

भीख नहीं, आत्मनिर्भरता की ओर पाकिस्तान

बातचीत के दौरान शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि अब सहयोगी देश—चीन, सऊदी अरब, तुर्की, कतर और यूएई—भी चाहते हैं कि पाकिस्तान भीख का कटोरा न लेकर आए, बल्कि आत्मनिर्भर बने। उन्होंने कहा, "मैं और फील्ड मार्शल असीम मुनीर इस आर्थिक बोझ को साझा रूप से उठा रहे हैं।"

 

शहबाज शरीफ का यह बयान भारत-पाक तनाव के बीच एक नया मोड़ ला सकता है, जहां एक ओर उन्होंने शांतिपूर्ण कूटनीति की बात की, वहीं भारत की मजबूती को भी अप्रत्यक्ष चुनौती दी। अब देखना होगा कि भारत इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देता है।