न्यूयॉर्क: भारत ने सिंधु जल संधि पर संयुक्त
राष्ट्र में पाकिस्तान के दुष्प्रचार का कड़ा जवाब दिया। भारत ने अविश्वसनीय पड़ोसी
के पाखंड को तार-तार करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकवादी
हमले करके इस संधि की भावना का उल्लंघन किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी
प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने शुक्रवार को कहा कि सिंधु जल संधि के संबंध में
पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल गलत सूचनाएं फैला रहा है। इसलिए भारत को जवाब देने के लिए
बाध्य होना पड़ा। उन्होंने कहा कि भारत ने नदी के ऊपरी तट पर स्थित देश होने के नाते
हमेशा जिम्मेदारी का निर्वहन किया है।
पर्वतनेनी हरीश ने स्लोवेनिया के स्थायी मिशन के तत्वावधान में आयोजित संयुक्त राष्ट्र
सुरक्षा परिषद की 'सशस्त्र संघर्ष के बीच जल की सुरक्षा–आम नागरिकों के जीवन की सुरक्षा'
विषयक बैठक को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने पाकिस्तान के दुष्प्रचार को
साबित करने के लिए चार बिंदुओं पर चर्चा की। हरीश ने कहा कि भारत के जम्मू-कश्मीर के
पहलगाम में 22 अप्रैल को किए गए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि
को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखने की घोषणा की। यह किसी से छुपा नहीं है कि इस आतंकवादी
हमले में 26 पर्यटक मारे गए।
हरीश ने कहा कि भारत ने 65 साल पहले सद्भावना के साथ सिंधु जल संधि को स्वीकार किया
था। संधि की प्रस्तावना में कहा गया है कि इसे ‘सद्भावना और मैत्री की भावना से’ किया
गया। इसके बाद अब तक पाकिस्तान ने भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकवादी हमले कर संधि
की भावना का उल्लंघन किया है। पिछले चार दशक के आतंकवादी हमलों में 20,000 से अधिक
भारतीयों की जान गई। इनमें हाल का पहलगाम हमला है।
उन्होंने कहा कि बावजूद इसके भारत ने इस पूरी अवधि में असाधारण धैर्य का परिचय देते
हुए उदारता दिखाई। बावजूद इसके पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा। यह हर बार सिद्ध हुआ है कि
भारत में प्रायोजित 'सीमा पार आतंकवाद का उद्देश्य आम नागरिकों के जीवन, धार्मिक सद्भाव
और आर्थिक समृद्धि को नुकसान पहुंचाना' रहा है। भारत दशकों से सीमा पार पाकिस्तान प्रायोजित
आतंकवादी हमलों का सामना कर रहा है।
हरीश ने कहा कि दुनिया ने हाल ही में पाकिस्तान के वरिष्ठ सरकारी, पुलिस और सैन्य अधिकारियों
को ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में श्रद्धांजलि देते देखा।
पाकिस्तान ऐसा देश है जो आतंकवादियों और नागरिकों के बीच कोई फर्क नहीं करता है। पाकिस्तान
की सेना ने इस महीने की शुरुआत में जानबूझकर भारतीय सीमावर्ती गांवों को निशाना बनाया।
उन्होंने कहा कि मुंबई में 26/11 के भयानक हमले में भी पाकिस्तान शामिल रहा है।
उन्होंने साफ किया कि भारत ने पिछले दो साल में कई मौकों पर पाकिस्तान से संधि में
संशोधनों पर चर्चा करने के लिए औपचारिक रूप से कहा। इस्लामाबाद हर बार इससे इनकार करता
रहा है। वर्ष 2012 में आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर में तुलबुल नौवहन परियोजना पर भी
हमला किया था। उन्होंने दो टूक कहा, ''पाकिस्तान की इस पृष्ठभूमि को देखते हुए भारत
को आखिरकार यह घोषणा करनी पड़ी कि जब तक आतंकवाद का वैश्विक केंद्र पाकिस्तान सीमा
पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से समाप्त नहीं कर
देता, तब तक यह संधि स्थगित रहेगी।''
उल्लेखनीय है कि इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत असीम इफ्तिखार
अहमद ने कश्मीर मुद्दे को उठाया। भारत एवं पाकिस्तान के हालिया संघर्ष की चर्चा की।
हरीश ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत दशकों से अपनी सीमाओं पर
पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमलों का सामना कर रहा है।हिस
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के पाखंड को तार-तार किया, दो टूक- जब तक आतंकवाद समाप्त नहीं होता सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी

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