नई दिल्ली (डॉ. गौतम पाण्डेय का विश्लेषण GPNBihar Desk): लोकसभा में गुरुवार यानि 27 मार्च 2025 को इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स
बिल, 2025 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इस विधेयक का उद्देश्य भारत में
प्रवेश, निवास और यात्रा को सरल और पारदर्शी बनाना तथा अप्रवासन से संबंधित सभी
मामलों को प्रभावी ढंग से विनियमित करना है।
इस महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
ने दो टूक कहा कि "भारत कोई धर्मशाला नहीं है। जो लोग राष्ट्रीय
सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं, उन्हें देश में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।"
उन्होंने स्पष्ट किया कि मोदी सरकार केवल उन लोगों को भारत आने से रोकेगी जिनके
इरादे भारत विरोधी हैं, जबकि जो लोग देश के विकास में योगदान देना चाहते हैं, उनका
स्वागत किया जाएगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर कड़ा रुख:
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि माइग्रेशन बिल यह सुनिश्चित करेगा कि भारत आने
वाले प्रत्येक विदेशी की नवीनतम जानकारी सरकार के पास हो। उन्होंने रोहिंग्या और
बांग्लादेशी घुसपैठियों का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसे लोग निजी स्वार्थ के लिए
भारत में शरण ले रहे हैं और इससे देश की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
"यदि घुसपैठिए भारत में अशांति फैलाते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त
कार्रवाई की जाएगी।" – अमित शाह
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रस्तावित कानून न केवल देश की सुरक्षा
को मजबूत करेगा बल्कि अर्थव्यवस्था, व्यापार, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों को भी
बढ़ावा देगा।
टीएमसी और कांग्रेस पर तीखे हमले:
गृह मंत्री ने टीएमसी और पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि "पहले
घुसपैठिए असम के रास्ते भारत में प्रवेश करते थे, लेकिन अब वे पश्चिम बंगाल के
रास्ते आ रहे हैं।"
उन्होंने ममता बनर्जी की पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, "पकड़े
गए सभी बांग्लादेशियों के पास 24 परगना जिले के आधार कार्ड होते हैं। आप (टीएमसी)
आधार कार्ड जारी करते हैं, और वे दिल्ली आकर वोटर कार्ड बनवा लेते हैं। लेकिन 2026
में जब पश्चिम बंगाल में भाजपा की सरकार बनेगी, तो इसे खत्म कर दिया जाएगा।"
इसके अलावा, शाह ने पश्चिम बंगाल सरकार पर सीमा सुरक्षा में बाधा डालने का
आरोप लगाते हुए कहा कि 450 किलोमीटर की बाड़ लगाने का काम इसलिए रुका पड़ा है
क्योंकि पश्चिम बंगाल सरकार इसके लिए जमीन नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि जब
भी बाड़ लगाने का प्रयास किया जाता है, तो सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ता
गुंडागर्दी और धार्मिक नारेबाजी करते हैं।
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए गृह मंत्री ने राहुल गांधी की आलोचना
की। उन्होंने कहा कि "राहुल गांधी INDI गठबंधन के नेता बनने के बाद सरकार
के बजाय NGO द्वारा दिए गए डेटा को ही देखते हैं और कभी-कभी वही भाषण भी पढ़ते
हैं।"
विपक्ष ने उठाए सवाल:
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने इस विधेयक पर सवाल उठाते हुए कहा कि "राष्ट्रीय
सुरक्षा महत्वपूर्ण है, लेकिन हमने कई उदाहरण देखे हैं जहां सरकार की आलोचना करने
वालों को भारत में प्रवेश नहीं दिया गया। यह सरकार इस नए विधेयक के साथ भी ऐसा ही
करने जा रही है।"
वहीं, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि "इस विधेयक में कई
खामियां हैं, जो नागरिक स्वतंत्रता पर आघात करती हैं। अगर इसे संयुक्त संसदीय
समिति के पास भेजा जाता तो यह और बेहतर होता।"
क्या है इमिग्रेशन और विदेशी विधेयक 2025?
·
यह बिल देश में अप्रवासन और विदेशी नागरिकों से
संबंधित सभी मामलों को विनियमित करने के लिए लाया गया है।
·
इसका उद्देश्य प्रवेश, निवास, यात्रा और
विदेशी नागरिकों की निगरानी को सरल और पारदर्शी बनाना है।
·
यह कानून अवैध घुसपैठ को रोकने और राष्ट्रीय
सुरक्षा को मजबूत करने पर केंद्रित है।
·
इस विधेयक के तहत भारत आने वाले हर विदेशी की
विस्तृत जानकारी सरकार के पास होगी।
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विश्लेषण:
गृह मंत्री अमित शाह ने इस बिल के जरिये न सिर्फ अवैध प्रवेश, निवास और यात्रा
पर प्रतिबन्ध लगाने की कोशिश की है साथ ही साथ विपक्षियों जैसे कांग्रेस और टीएमसी
को भी सवालों के घेरे में ले लिया है जिस से निकलना विपक्षियों के लिए असंभव सा प्रतीत
होता है। इन तथ्यों को अगर विश्लेषणात्मक रूप से देखा जाय तो मुख्य रूप से 10 विन्दु
उभर कर सामने आते हैं:
1. राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता – इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल,
2025 भारत में प्रवेश, निवास और यात्रा को विनियमित करने और राष्ट्रीय सुरक्षा को
मजबूत करने के लिए लाया गया है।
2. अवैध घुसपैठ पर सख्ती – गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट
किया कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है, और देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाले
व्यक्तियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
3. रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा – शाह ने कहा कि अवैध प्रवासियों
के कारण देश को गंभीर खतरा है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
4. डेटा निगरानी प्रणाली – इस कानून के तहत प्रत्येक
विदेशी की विस्तृत जानकारी सरकार के पास रहेगी, जिससे अप्रवासन को नियंत्रित किया
जा सकेगा।
5. राजनीतिक विवाद – गृह मंत्री ने टीएमसी पर आरोप लगाया कि वह
बांग्लादेशी घुसपैठियों को आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र प्रदान कर रही है।
6. कांग्रेस पर प्रहार – शाह ने राहुल गांधी पर सरकार के
बजाय NGO द्वारा दिए गए डेटा पर निर्भर रहने का आरोप लगाया।
7. विपक्ष की आपत्तियां – कांग्रेस ने विधेयक को नागरिक
स्वतंत्रता पर आघात बताते हुए इसे संयुक्त संसदीय समिति को भेजने की मांग की।
8. अर्थव्यवस्था और प्रशासन पर प्रभाव – सरकार का दावा है कि यह कानून
व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा को मजबूती देगा।
9. बाड़ निर्माण में बाधा – शाह ने पश्चिम बंगाल सरकार पर
सीमा सुरक्षा के लिए जमीन न देने और बाड़ लगाने के प्रयासों में बाधा डालने का
आरोप लगाया।
10. कानून की पारदर्शिता – विधेयक का उद्देश्य अप्रवासन की
प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना है, जिससे देश में अवैध गतिविधियों पर रोक
लगाई जा सके।
निष्कर्ष:
लोकसभा में पारित इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल, 2025 को लेकर
सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। सरकार का कहना है कि यह
विधेयक देश की सुरक्षा को मजबूत करेगा, जबकि विपक्ष इसे नागरिक स्वतंत्रता पर
प्रहार मान रहा है।
अब देखना यह होगा कि राज्यसभा में इस विधेयक को कितनी चुनौती मिलती है और
क्या यह सुचारू रूप से कानून बनने की प्रक्रिया को पूरा कर पाएगा।
क्या आपको लगता है कि यह बिल भारत की सुरक्षा के लिए जरूरी है? अपनी राय हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं!
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