नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन
निदेशालय (ED) ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ मजबूत कानूनी
आधार होने का दावा किया है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोग्ने की अदालत में ईडी ने अपनी
शुरुआती दलीलों में कहा कि इन दोनों नेताओं के खिलाफ अभियोजन की प्रक्रिया शुरू की
जानी चाहिए। मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई से शुरू होकर 8 जुलाई तक चलेगी, जिसमें प्रतिदिन
बहस होगी।
एएसजी एसवी राजू और ईडी के विशेष
वकील जोहेब हुसैन ने अदालत में प्रारंभिक दलीलें रखते हुए कहा कि गांधी परिवार के खिलाफ
पर्याप्त सबूत हैं, जिनके आधार पर संज्ञान लिया जाना चाहिए। कोर्ट ने इन दलीलों पर
विचार करते हुए मामले को गहन बहस के लिए सूचीबद्ध किया है।
स्वामी को दी जाएगी आरोपपत्र
की प्रति
अदालत ने ईडी को निर्देश दिया
है कि वह भाजपा नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी को आरोपपत्र की एक प्रति सौंपे। गौरतलब
है कि 26 जून, 2014 को स्वामी ने इस मामले में निजी शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर मजिस्ट्रेट
अदालत ने संज्ञान लिया था। इसके आधार पर ईडी ने 2021 में अपनी जांच शुरू की और हाल
ही में आरोपपत्र दाखिल किया।
भाजपा का कांग्रेस पर हमला
मामले में भाजपा ने कांग्रेस
और गांधी परिवार पर तीखा हमला बोला है। भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा, "लूटा
है तो लौटाना है… आज सभी सबूत मौजूद हैं कि 5000 करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्ति
का लाभकारी स्वामित्व सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कैसे मिला।" उन्होंने आरोप
लगाया कि कांग्रेस ने जनता की संपत्ति को निजी लाभ में बदला।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?
नेशनल हेराल्ड केस उस सौदे से
जुड़ा है जिसमें एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियों को यंग इंडियन कंपनी
के माध्यम से अधिग्रहीत किया गया था। आरोप है कि यंग इंडियन के मालिकाना हक में सोनिया
गांधी और राहुल गांधी की प्रमुख भूमिका थी और इस सौदे से गांधी परिवार को करोड़ों रुपये
की संपत्तियों पर नियंत्रण मिला।
अब अदालत की निगरानी में इस हाई-प्रोफाइल
मामले की सुनवाई दिन-प्रतिदिन चलेगी, जिससे यह स्पष्ट होगा कि क्या गांधी परिवार के
खिलाफ आगे की कार्रवाई होगी या नहीं।
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