नई दिल्ली: भारत द्वारा दक्षिण कश्मीर के
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद चलाए गए सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को
लेकर अब एक नया और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। पाकिस्तान के एक आधिकारिक दस्तावेज
(डोजियर) के अनुसार, भारत ने पहले से बताई गई सीमाओं से कहीं आगे जाकर हमले किए और
सात अतिरिक्त ठिकानों को भी निशाना बनाया। यह खुलासा पाकिस्तान द्वारा खुद के
‘ऑपरेशन बुनयान उन मरसूस’ के तहत तैयार किए गए दस्तावेज में हुआ है।
भारत ने पहले ही स्वीकार किया
था कि 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में कई आतंकवादी ठिकानों
पर सटीक हवाई हमले किए गए थे। इनमें जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के बहावलपुर स्थित मुख्यालय
और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के मुरीदके स्थित प्रशिक्षण केंद्र को शामिल किया गया था।
इसके अलावा मुजफ्फराबाद, कोटली, रावलकोट, चकस्वारी, भिंबर, नीलम घाटी, झेलम और चकवाल
जैसे इलाकों में भी हमले किए गए थे।
लेकिन अब पाकिस्तान के डोजियर
में जो जानकारी सामने आई है, उसने सबको चौंका दिया है। डोजियर के नक्शों और ब्यौरों
में यह दिखाया गया है कि भारत ने पेशावर, झांग, सिंध के हैदराबाद, पंजाब के गुजरात,
बहावलनगर, अटक और छोर जैसे क्षेत्रों पर भी हमले किए। इन स्थानों का ज़िक्र भारतीय
सैन्य प्रवक्ताओं या वायुसेना द्वारा पहले नहीं किया गया था।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह
भारत की एक रणनीतिक चाल हो सकती है, जिसके तहत सभी लक्ष्यों की सार्वजनिक घोषणा न करके
पाकिस्तान को खुद ही असली नुकसान की जानकारी उजागर करने पर मजबूर किया गया। इससे यह
भी समझा जा सकता है कि पाकिस्तान ने जल्दबाज़ी में संघर्ष विराम की अपील क्यों की थी।
इस बीच, अमेरिकी उपग्रह सेवा
मैक्सार टेक्नोलॉजीज द्वारा जारी सैटेलाइट इमेजेस ने ऑपरेशन सिंदूर की प्रभावशीलता
को और पुख्ता किया है। इन तस्वीरों में आतंकवादी ठिकानों पर हुए हमलों की सटीकता और
नुकसान को साफ तौर पर देखा जा सकता है।
पाकिस्तान द्वारा दावा किया गया
था कि उसने भारत को भी जवाबी कार्रवाई में भारी नुकसान पहुंचाया है, लेकिन इस डोजियर
में दिए गए विवरण से पाकिस्तान के अपने ही दावे पर सवाल खड़े हो गए हैं। अब तक जो तस्वीर
सामने आ रही है, वह यह है कि भारत ने रणनीतिक, सटीक और गहराई तक जाकर हमला किया – और
पाकिस्तान को इसकी वास्तविकता देर से समझ में आई।
इस नए खुलासे के बाद अब भारत
की सैन्य रणनीति और खुफिया गोपनीयता की भी सराहना की जा रही है, जो कि आतंकवाद के खिलाफ
उसके रुख को और मजबूती देती है।
निष्कर्ष
यह खुलासा एक बार फिर यह दिखाता
है कि भारत अब आतंकवादी हमलों का जवाब सिर्फ भाषणों से नहीं, बल्कि सटीक और योजनाबद्ध
कार्रवाई से दे रहा है — वो भी इस तरह कि दुश्मन को अपनी ही ज़ुबानी सच बताना पड़े।
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