नई दिल्ली (हि.स.): दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय प्रबंध संस्थानों
और दूसरे बिजनेस स्कूलों में दाखिले के लिए कैट के रिजल्ट को चुनौती देने वाली याचिका
खारिज कर दिया है। जस्टिस तारा वितास्ता गंजू ने याचिका खारिज करने का आदेश दिया। हाई
कोर्ट ने 3 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा
था कि कोई विशेष विवाद या कोई बाध्यकारी परिस्थिति उत्पन्न न होने तक इस मामले में
किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।
यह याचिका कैट की परीक्षा में शामिल परीक्षार्थी आदित्य कुमार मलिकने दायर की थी। याचिका
में कहा गया था कि कैट की परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों में से एक में गंभीर त्रुटि
थी। याचिका में कैट की परीक्षा की तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थानों के फीडबैक का
हवाला दिया गया था। याचिका में कहा गया था कि एक प्रश्न को लेकर 227 छात्रों ने आपत्ति
दर्ज कराई थी, लेकिन कैट की परीक्षा आयोजित करने वाले संस्थान आईआईएम कलकत्ता ने उस
प्रश्न से संबंधित आपत्तियों का कोई जवाब नहीं दिया। यहां तक कि इन आपत्तियों की समीक्षा
करने वाले विशेषज्ञों की पहचान का भी खुलासा नहीं किया गया। इससे कैट की परीक्षा की
पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। याचिका में कोचिंग संस्थानों की ओर से प्रश्न
को लेकर जारी वीडियो को भी साक्ष्य के तौर पर पेश किया गया था।
सुनवाई के दौरान आईआईएम कलकत्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अरविंद नायर ने याचिका का
विरोध करते हुए परीक्षा प्रकिया का बचाव किया था। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की कमेटी
ने सभी आपत्तियों पर विस्तार से गौर किया था। आईआईएम कलकत्ता ने विशेषज्ञों की जानकारी
सीलबंद कवर में कोर्ट को सौंपी थी।
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