जम्मू-कश्मीर: पुलवामा में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी हमले के बाद बालाकोट में की गई सर्जिकल स्ट्राइक ने दुनिया को भारत के दृढ़ संकल्प से परिचित कराया था। अब, इसके छह साल बाद, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए जघन्य आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना और सरकार का धैर्य जवाब दे गया है। इस हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर एक हिंदू पुरुष को निशाना बनाया था, जिसके बाद भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' की शुरुआत की। यह ऑपरेशन बालाकोट से भी आगे बढ़कर, पाकिस्तान के खिलाफ भारत की सैन्य प्रतिक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है।

 

ऑपरेशन सिंदूर के तहत, भारतीय वायुसेना ने बहावलपुर और मुरीदके जैसे पाकिस्तान के मुख्य हिस्सों में स्थित कुल 9 आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। जब पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की कोशिश की, तो भारत ने पड़ोसी देश में घुसकर 11 सैन्य अड्डों को भी तबाह कर दिया। यह घटनाक्रम स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि बालाकोट से बहावलपुर तक, पाकिस्तान को लेकर भारतीय सेना के काम करने के तरीके में अब एक बड़ा अंतर आया है। भारत ने यह संदेश दिया है कि अब जब भी पाकिस्तान प्रायोजित आतंक की बात होगी, तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

 

बालाकोट से सिंदूर तक: बदलाव की कहानी

2016 में उरी हमले के बाद भारत ने सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक कर दुनिया को दिखाया था कि वह अब चुप नहीं रहेगा। 2019 में पुलवामा के बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक ने भारत की सैन्य क्षमता और साहस दोनों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उजागर किया। पाकिस्तान बार-बार भारत को 'न्यूक्लियर ब्लैकमेल' करने का प्रयास करता था, लेकिन बालाकोट में भारत ने पहली बार वायुसेना का इस्तेमाल कर यह स्पष्ट कर दिया कि उसकी सहनशीलता की सीमाएं हैं। हालांकि, बालाकोट हमला पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर तक सीमित रहा।

 

ऑपरेशन सिंदूर: अब 'रेड लाइन' नहीं रही

ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने न केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, बल्कि पहली बार बहावलपुर और मुरीदके जैसे उन ठिकानों को भी टारगेट किया जिन्हें पहले 'रेड लाइन' माना जाता था। इन क्षेत्रों को आमतौर पर पाकिस्तान के भीतर गहरे रणनीतिक महत्व के तौर पर देखा जाता था। भारत ने स्कैल्प मिसाइल, ड्रोन और स्टैंड-ऑफ वेपन्स का इस्तेमाल कर पाकिस्तानी सरजमीं पर कई आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। इस हमले की खास बात यह रही कि भारत ने पहले से रिकॉर्ड किए गए वीडियो फुटेज जारी कर दुनिया को दिखाया कि हमला सटीक और असरदार रहा। इससे पाकिस्तान के पास इंकार करने का विकल्प नहीं बचा और उसे जवाब देना पड़ा, जिससे चार दिन तक सशस्त्र संघर्ष चला। इसके बावजूद, भारत ने स्पष्ट किया कि यह लड़ाई सिर्फ आतंकियों के खिलाफ है, न कि पाकिस्तानी सेना के खिलाफ।

 

मोदी का संदेश: ‘अब की बार एक्शन होगा’

12 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा में स्पष्ट कर दिया कि अब भारत सिर्फ धमकी नहीं देगा, सीधे कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि भारत अब हर आतंकी हमले का जवाब देगा और आतंकियों के साथ उनके सहयोगियों को भी निशाना बनाएगा। मोदी का यह बयान भारत की विदेश नीति और सैन्य दृष्टिकोण में आए मूलभूत बदलाव को दर्शाता है।

 

‘नया नॉर्मल’ बन गया सिंदूर

ऑपरेशन सिंदूर ने स्पष्ट कर दिया कि भारत अब किसी भी 'रेड लाइन' से नहीं डरता। परमाणु धमकियों, अंतरराष्ट्रीय दबाव और सैन्य जोखिमों के बावजूद भारत अब आतंक के खिलाफ सीधी और निर्णायक कार्रवाई करने को तैयार है। यह सिर्फ जवाबी हमला नहीं, बल्कि भारत की सैन्य रणनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ है। एक ऐसा मोड़, जिसे आने वाले दशक तक पूरी दुनिया याद रखेगी। यह 'नया नॉर्मल' है जहां भारत अब आतंक को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा और अपनी सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा।