नई
दिल्ली/वाशिंगटन: सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति
डोनाल्ड ट्रंप ने पदभार संभालने से पहले ही शनिवार को BRICS देशों को कड़ी चेतावनी
दी है। ट्रम्प ने ब्रिक्स देशों को सलाह दी है कि वे नई करेंसी बनाने या अमेरिकी डॉलर
के स्थान पर किसी अन्य करेंसी को समर्थन देने से बचें। ऐसा नहीं करने पर उन्हें
100% अमेरिकन टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।
ऐसा माना जा रहा है कि ट्रंप अपने इस बयान के जरिए रूस और चीन को निशाना बनाने
की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अगर उन्होंने ऐसा कर दिया जैसा की ट्रम्प बोल रहे हैं,
तो इसका खामियाजा भारत को भी भुगतना पड़ सकता है।
अपने
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रुथ सोशल” पर ट्रंप ने कहा, “हम इन देशों से यह वचन चाहते
हैं कि वे ना तो एक नई ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे, और ना ही कोई अन्य मुद्रा को अमेरिकी
डॉलर के स्थान पर समर्थन देंगे। अगर ऐसा होता है तो उन्हें ना सिर्फ 100% टैरिफ का
सामना करना पड़ेगा, बल्कि अमेरिकी बाजार में अपने सामान की बिक्री को भी अलविदा कहना
पड़ेगा।”
ट्रम्प
ने यह भी कहा, “वह एक और ‘मूर्ख’ ढूंढ सकते हैं। इसकी कोई संभावना नहीं है कि ब्रिक्स
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर की जगह ले लेगा, और जो भी देश ऐसा करने की
कोशिश करेगा उसे अमेरिका को अलविदा कह देना चाहिए।” यह बयान उन अफवाहों के बीच आया
है जिनमें कहा जा रहा था कि ब्रिक्स देशों के सदस्य अमेरिकी डॉलर के बजाय एक नई साझा
मुद्रा या अन्य विकल्प पर विचार कर रहे हैं। ट्रंप का यह बयान वैश्विक अर्थव्यवस्था
और अमेरिका की मुद्रा नीति पर महत्वपूर्ण असर डाल सकता है।
आपको
बता दें कि ब्रिक्स देशों ने अपने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार
में डॉलर के बजाय अन्य विकल्पों पर विचार करने की संभावना जताई थी। हालांकि, ट्रंप
के इस बयान ने एक नई बहस छेड़ दी है, जिसमें वैश्विक मुद्रा प्रणाली और अमेरिका के
प्रभाव पर सवाल उठ रहे हैं। ब्रिक्स पांच देशों का संगठन है, जिसमें रूस, भारत, चीन,
ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।
अभी
पिछले महीने ही रूस के कजान में सोलहवां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2024 का आयोजन किया गया
था। इस सम्मलेन में पांच देशों के अलावे मिस्र,
इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात पहली बार सदस्य के रूप में शामिल हुए। 15वें
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में इन देशों की संगठित एंट्री हुई थी। पीएम नरेंद्र मोदी की इस दौरान रूस के राष्ट्रपति
व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक भी हुई। जिसमे BRICS देशों के लिए एक अलग करेंसी
की भी चर्चा चली थी।
अभी
इस बाबत किसी भी सदस्य देशों की प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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