‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकी
ठिकानों पर भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के बाद अब कश्मीर घाटी में अंदरूनी सुरक्षा
अभियान भी पूरी ताकत से चलाया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा चलाए जा रहे
सघन तलाशी अभियान में अब तक 47 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है और भारी मात्रा
में हथियार, विस्फोटक व नकदी बरामद की गई है।
भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस
और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की संयुक्त कार्रवाई से दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग,
शोपियां, पुलवामा और कुलगाम जिलों में आतंकी नेटवर्क को भारी नुकसान पहुंचा है।
इन इलाकों में 24 घंटे से भी अधिक समय तक चला कॉम्बिंग ऑपरेशन स्थानीय आतंकियों
की पहचान, उनके ठिकानों की निगरानी और संदिग्धों की धरपकड़ पर केंद्रित रहा।
सेना की सटीक रणनीति
एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के अनुसार, “हमने उन सभी संभावित ठिकानों को चिन्हित कर लिया
है जहां आतंकियों को स्थानीय सहयोग मिल सकता है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह स्पष्ट है
कि आतंकी संगठन बदले की कार्रवाई कर सकते हैं, इसलिए हम पहले ही सतर्क हो चुके हैं।”
गिरफ्तार किए गए संदिग्धों से
पूछताछ के दौरान यह खुलासा हुआ है कि कुछ स्थानीय युवाओं को सोशल मीडिया के माध्यम
से कट्टरपंथी बनाया गया और उन्हें सीमा पार से संचालित आतंकी नेटवर्क से जोड़ा
गया। सुरक्षा एजेंसियों को उनके पास से AK-47 राइफल, ग्रेनेड, रिमोट नियंत्रित
IED, और 15 लाख रुपये की नकदी बरामद हुई है, जो संदिग्ध हवाला चैनलों के माध्यम
से घाटी में पहुंचाई गई थी।
स्थानीय जनता का सहयोग
चौंकाने वाली बात यह है कि इस बार कई गांवों के स्थानीय लोगों ने आतंकियों की जानकारी
सुरक्षा बलों को दी। यह एक सकारात्मक संकेत है कि अब आम जनता भी आतंकवाद के खिलाफ आवाज
उठाने लगी है। एक स्थानीय बुजुर्ग ने मीडिया से कहा, “पहलगाम की घटना ने हमें हिला
दिया। हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चे बंदूक उठाएं या मर जाएं।”
सरकार का बयान
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बयान जारी कर कहा है कि आतंकियों के खिलाफ यह ‘जीरो टॉलरेंस’
की नीति का हिस्सा है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, “हम आतंकवाद और उसके
समर्थकों को पूरी तरह खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ऑपरेशन सिंदूर का असर सिर्फ
सीमा पार नहीं, बल्कि घाटी के भीतर भी नजर आ रहा है।”
निष्कर्ष:
ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सीमापार हवाई हमला नहीं था, बल्कि यह भारत की समग्र सुरक्षा
नीति का हिस्सा है। कश्मीर घाटी में चल रहे सघन तलाशी अभियान से यह स्पष्ट हो गया
है कि अब भारत सिर्फ हमले का जवाब नहीं देगा, बल्कि जड़ से आतंकवाद के नेटवर्क
को खत्म करने की रणनीति पर काम कर रहा है।
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