नई दिल्ली: यह रिपोर्ट भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि को दर्शाती है, जो दर्शाती है कि भारत न केवल एशिया बल्कि वैश्विक मंच पर भी अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है। Great Powers List 2025 के अनुसार, भारत को पांचवां स्थान मिला है, जो उसकी सैन्य ताकत, आर्थिक प्रगति और जनसंख्या के प्रभाव को प्रमाणित करता है। आइए इस विषय को संक्षिप्त रूप में विस्तार से समझते हैं:

 

1. रिपोर्ट का स्रोत

  • यह सूची अमेरिकी न्यूज वेबसाइट 19FortyFive द्वारा प्रकाशित की गई है।
  • रिपोर्ट के लेखक डॉ. रॉबर्ट फारले हैं, जो अमेरिका के पैटर्सन स्कूल में सुरक्षा और कूटनीति के प्रोफेसर हैं।

 

2. सूची में शामिल देश

  1. अमेरिका - पहले स्थान पर, दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक और सैन्य महाशक्ति।
  2. चीन - दूसरे स्थान पर, तेजी से उभरता वैश्विक सुपरपावर।
  3. रूस - यूक्रेन युद्ध के बावजूद तीसरे स्थान पर कायम।
  4. जापान - चौथे स्थान पर, एशिया का तकनीकी और आर्थिक पावरहाउस।
  5. भारत - पांचवें स्थान पर, ‘न्यूकमर’ के तौर पर शामिल।
  6. फ्रांस - छठे स्थान पर।
  7. ब्रिटेन - सातवें स्थान पर।
  8. दक्षिण कोरिया - आठवें स्थान पर।

 

3. भारत का प्रदर्शन क्यों खास है?

  • ‘न्यूकमर’ का दर्जा: भारत पहली बार इस सूची में पांचवें स्थान पर आया है।
  • आर्थिक प्रगति: रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की आर्थिक विकास दर दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली है।
  • जनसंख्या का प्रभाव: भारत की विशाल जनसंख्या इसे वैश्विक अर्थव्यवस्था और सैन्य शक्ति में अग्रणी बनने में मदद कर रही है।
  • वैश्विक भूमिका: भारत को एक ग्लोबल पावर के रूप में देखा जा रहा है।

 

4. एशिया का दबदबा

इस सूची में 4 एशियाई देश शामिल हैं –

  1. चीन
  2. जापान
  3. भारत
  4. दक्षिण कोरिया

यह स्पष्ट करता है कि एशिया धीरे-धीरे वैश्विक ताकत का केंद्र बन रहा है।

 

5. हिंद-प्रशांत क्षेत्र की भूमिका

  • पिछले 500 सालों से पश्चिमी देशों ने वैश्विक शक्ति पर नियंत्रण रखा था।
  • 21वीं सदी में, हिंद-प्रशांत क्षेत्र निर्णायक भूमिका निभा रहा है।
  • भारत इस क्षेत्र में एक अहम रणनीतिक और आर्थिक शक्ति के रूप में उभरा है।

 

निष्कर्ष

Great Powers List 2025 भारत की बढ़ती वैश्विक शक्ति और प्रभाव का प्रमाण है। भारत की आर्थिक विकास, जनसंख्या और राजनीतिक स्थिरता ने इसे वैश्विक मंच पर एक मजबूत स्थान दिलाया है। यह सूची भारत के उज्ज्वल भविष्य और वैश्विक नेतृत्व में उसकी भूमिका की ओर संकेत करती है।