लेह: मई 2020 में गलवान घाटी में
हुई खूनी झड़प के बाद से भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी तनाव के
बीच, केंद्र सरकार ने लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा
देने के लिए 4जी नेटवर्क विस्तार की योजना को गति दी है। अब इन सुदूर इलाकों में स्थानीय
लोगों और तैनात सैनिकों को संचार की बेहतर सुविधाएं मिलने लगी हैं।
भारतीय सेना और भारती एयरटेल
के संयुक्त प्रयासों से केवल पांच महीनों में लद्दाख के दुर्गम इलाकों में 42 मोबाइल
टावर लगाए गए हैं। इनमें कारगिल, सियाचिन, डेमचोक, डीबीओ और गलवान जैसे क्षेत्र शामिल
हैं। यह पहल न केवल सीमावर्ती वासियों को डिजिटल दुनिया से जोड़ रही है, बल्कि सेना
के जवानों को भी संचार का सशक्त माध्यम उपलब्ध करा रही है।
सीमा पर डिजिटल युग का आरंभ
लद्दाख के इन इलाकों में शून्य
से नीचे के तापमान और कठोर भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद, सेना की फायर एंड फ्यूरी
कॉर्प्स ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को सक्रिय रूप से शामिल कर यह काम पूरा किया। सियाचिन
ग्लेशियर पर 15,500 फीट की ऊंचाई पर टावर लगाने से लेकर डेमचोक क्षेत्र में 13,000
फीट पर 4जी सेवा शुरू करने तक, इन प्रयासों ने सीमावर्ती इलाकों में नई ऊर्जा भरी है।
भारतीय सेना के अनुसार, 2047
तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए सीमावर्ती गांवों के समग्र विकास
को बढ़ावा देने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इन क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी
से स्थानीय समुदायों को शिक्षा, स्वास्थ्य, और सरकारी योजनाओं तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
डिजिटल कनेक्टिविटी का सीधा लाभ
लद्दाख के पर्यटन उद्योग को भी मिलेगा। सुदूर क्षेत्रों में 4जी नेटवर्क की उपलब्धता
से ऑनलाइन बुकिंग, डिजिटल भुगतान, और पर्यटन सेवाओं को मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही,
डिजिटल क्रांति के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।
स्थानीय समुदायों को राहत
मार्च 2023 में तत्कालीन संचार
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लद्दाख में संचार नेटवर्क के विस्तार के लिए 500 मोबाइल टावर
लगाने को मंजूरी दी थी। यह कदम स्थानीय निवासियों की उन शिकायतों के बाद उठाया गया,
जिसमें कहा गया था कि चीन ने एलएसी के पास कई मोबाइल टावर लगाए हैं, जबकि भारतीय गांव
अभी भी कनेक्टिविटी से वंचित हैं।
एयरटेल और जियो के साथ बीएसएनएल
ने भी सीमावर्ती इलाकों में टावर लगाने का काम तेज किया है। पैंगोंग झील के पास और
चांगथांग जैसे इलाकों में अब 4जी इंटरनेट की सुविधा पहुंच चुकी है। लद्दाख में संचार
नेटवर्क का यह विस्तार न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि
स्थानीय विकास के लिए भी एक मील का पत्थर साबित होगा।
निष्कर्ष:
लद्दाख में 4जी मोबाइल टावरों
की स्थापना ने सीमावर्ती इलाकों में कनेक्टिविटी के साथ-साथ विकास और सुरक्षा को नई
दिशा दी है। यह पहल भारत के डिजिटल इंडिया अभियान को और मजबूत बनाती है, साथ ही सीमावर्ती
क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और तैनात सैनिकों को जीवन की आवश्यकताओं से जोड़ती है।
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