वॉशिंगटन डीसी: वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और मंदी की आशंकाओं के बीच भारत के लिए राहतभरी खबर आई है। दिग्गज वैश्विक निवेश फर्म मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) की ग्लोबल इन्वेस्टमेंट कमिटी (GIC) ने ताजा रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर आशावादी रुख अपनाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा, जबकि अमेरिका और चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए निराशाजनक अनुमान जताए गए हैं।

मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक, 2025 की चौथी तिमाही तक भारत की नॉमिनल GDP ग्रोथ रेट 5.9% रहने की उम्मीद है। वहीं वित्त वर्ष 2026 में यह दर बढ़कर 6.4% तक पहुंच सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की अधिकांश अर्थव्यवस्थाएं मंदी की चपेट में रहेंगी, लेकिन भारत अपनी गति बनाए रखने में सक्षम रहेगा।

ग्लोबल मंदी के बीच भारत की रफ्तार बरकरार

रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में FY25 में ग्रोथ घटकर 2.5% तक सीमित रह सकती है, जबकि FY24 में यह 3.5% थी। ऐसे माहौल में भारत की स्थिरता और निरंतर वृद्धि एक सकारात्मक संकेत है। ग्लोबल मंदी के बीच भारत की मजबूत नीतियों, उपभोग आधारित मॉडल और निवेशकों के भरोसे को इसकी वजह बताया गया है।

अमेरिका की ग्रोथ घटकर 1% रहने का अनुमान

रिपोर्ट में अमेरिका की अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जताई गई है। FY2025 और FY2026 में अमेरिकी GDP ग्रोथ घटकर महज 1% रहने का अनुमान है, जो FY24 में 2.5% थी। इसका मुख्य कारण अमेरिकी व्यापार नीति और उससे उपजी अनिश्चितता को माना गया है।

चीन को भी बड़ा झटका

भारत के पड़ोसी और प्रमुख प्रतिस्पर्धी चीन के लिए रिपोर्ट में और भी निराशाजनक आंकड़े सामने आए हैं। मॉर्गन स्टेनली ने चेतावनी दी है कि अमेरिकी टैरिफ और व्यापारिक तनाव के चलते चीन की वास्तविक GDP ग्रोथ FY25 में घटकर 4.0% रह सकती है, जो FY24 की तुलना में लगभग 0.5% की गिरावट है। FY26 में यह दर मामूली बढ़कर 4.2% रहने का अनुमान है।

भारत के लिए वैश्विक मान्यता

भारत को लेकर मॉर्गन स्टेनली की यह रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय निवेशकों और नीति निर्माताओं के लिए एक बड़ा संकेत है कि भारत अब सिर्फ उभरती हुई नहीं, बल्कि स्थिर और भरोसेमंद अर्थव्यवस्था बन चुका है। यह रिपोर्ट केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों और संरचनात्मक सुधारों को वैश्विक मान्यता देती है।

निष्कर्ष

दुनिया जहां आर्थिक सुस्ती की ओर बढ़ रही है, वहीं भारत की आर्थिक गाथा उम्मीद की नई किरण बनकर उभरी है। मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि आने वाले वर्षों में भारत वैश्विक आर्थिक मंच पर अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखने में सफल रहेगा।