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प्रयागराज/महाकुम्भ नगर: प्रयागराज के महाकुम्भ में श्रीकाशी विश्वनाथ भी विराजेंगे।
महाकुंभ नगर में श्रद्धालुओं पर उनकी कृपा बरसेगी। गंगा नदी के किनारे मोरी मार्ग और
शंकराचार्य चौराहे के पास श्रीकाशी विश्वनाथ धाम की 108 फीट की प्रतिकृति बनाई जा रही
है। इस काशी विश्वनाथ धाम की प्रतिकृति में स्फटिक के 'महामणि शिवलिंग' के श्रद्धालु
दर्शन भी करेंगे।
अखिल भारतीय धर्मसंघ के महामंत्री जगजीतन पांडेय ने बताया कि इस मंदिर निर्माण का उद्धेश्य
है कि महाकुंभ में पधारे श्रद्धालुओं को गंगा स्नान के बाद बाबा भोलेनाथ का भी दर्शन
मिल सके। उन्होंने बताया कि इस काशी विश्वनाथ धाम में स्फटिक के 'महामणी शिवलिंग' के
दर्शन कराए जायेंगे। इसमें श्रद्धालुओं को 12 जनवरी से प्रवेश दिया जायेगा।
उन्होंने बताया कि श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का मॉडल तैयार करने के लिए पश्चिम बंगाल
से कारीगरों को बुलाया गया है। इसमें 12 हजार बांस—बल्लियों का इस्तेमाल हो रहा है
और करीब नौ हजार मीटर सुनहरे कपड़े से सजावट की जायेगी। उन्होंने बताया कि अंतर केवल
इतना होगा कि वाराणसी में भगवान शिव के नर्मदेश्वर स्वरूप के दर्शन मिलते हैं, और यहां
महामणि शिवलिंग के दर्शन होंगे।
उन्होंने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम के साथ ही 150 फीट का कथा पंडाल तथा 125 फीट का
33 कुण्डीय यज्ञ मण्डप तैयार किया जा रहा है। इस कुण्ड में अतिरूद्र महायज्ञ होगा,
जिसमें 25 लाख आहुतियां डाली जाएंगी, वहीं 50 हजार से अधिक श्रद्धालु एक माह तक महामणि
स्फटिक शिवलिंग का विविध नैवेद्य से अभिषेक करेंगे।
धर्मसंघ के महामंत्री जगजीतन पाण्डेय ने बताया कि इस मॉडल में तीन प्रवेश द्वार और
10 शिखर बनाए जायेंगे। इसमें 200 मजदूर लगे हैं। इसे मूर्त रूप लेने में अभी 15 दिन
का समय और लगेगा। उन्होंने बताया कि धर्मसंघ के पीठाधीश्वर शंकर चैतन्य ब्रह्मचारी
महाराज के सानिध्य में महामणि स्फटिक शिवलिंग को 12 जनवरी से 12 फरवरी तक प्रतिदिन
पूजन-अर्चन व अभिषेक होगा।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा महाकुंभनगर स्थित धर्मसंघ के परिसर में बटुकों द्वारा
चारो वेदों का नित्य परायण होगा। परिसर में गौ माताओं के नित्य दर्शन के लिए गौ-शाला
भी स्थापित किया जा रहा है। पूरे कुम्भ मेला तक श्रद्धालु श्रीराम व श्रीमद्भागवत कथा
का रसपान भी करेंगे। इसके साथ ही श्रद्धालुओं के प्रसाद के लिए प्रतिदिन अन्नक्षेत्र
भी संचालित होगा।
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सौजन्य:
(हि.स.)
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