नई दिल्ली: दिल्ली की राजनीति में नया अध्याय जुड़ गया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नेता रेखा गुप्ता ने दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राजधानी के रामलीला मैदान में हुए इस भव्य शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम समेत कई दिग्गज नेता शामिल हुए। यह ऐतिहासिक अवसर केवल दिल्ली की सत्ता परिवर्तन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि बीजेपी ने इस मंच के जरिए कई राजनीतिक समीकरण भी साधे।

 

27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में बीजेपी की वापसी

बीजेपी ने पूरे 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की है। इससे पहले 1998 में सुषमा स्वराज दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी थीं, लेकिन शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस ने लंबे समय तक राजधानी में शासन किया। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी पिछले 10 वर्षों तक दिल्ली में मजबूत पकड़ बनाई हुई थी, लेकिन 2025 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने निर्णायक जीत हासिल कर सत्ता में वापसी की। रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार बंदना कुमारी को 29,000 से अधिक वोटों से हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

 

रेखा गुप्ता के साथ 6 मंत्रियों ने भी ली शपथ

रेखा गुप्ता के साथ 6 अन्य विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सबसे पहले मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को शपथ दिलाई, इसके बाद क्रमशः प्रवेश वर्मा, आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविंदर इंद्राज सिंह, कपिल मिश्रा, और पंकज कुमार सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली।

 

रामलीला मैदान में दिखा एनडीए का शक्ति प्रदर्शन

शपथ ग्रहण समारोह को ऐतिहासिक बनाने के लिए बीजेपी ने रामलीला मैदान में भव्य तैयारियां की थीं। तीन अलग-अलग मंच बनाए गए थे—

 

1.  मुख्य मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराज्यपाल वीके सक्सेना, मनोनीत मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और मंत्रिमंडल के सहयोगी सदस्य मौजूद थे।

 

2.  दूसरे मंच पर विभिन्न धर्मगुरुओं और विशिष्ट अतिथियों को जगह दी गई थी।

 

3.  तीसरे मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले कलाकारों की उपस्थिति रही।

 

बीजेपी ने मंच से साधे कई राजनीतिक समीकरण

रेखा गुप्ता के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान बीजेपी ने राजनीतिक गुटबाजी को दूर करने और नए समीकरण बनाने की कोशिश की।

 

प्रवेश वर्मा की नाराजगी दूर करने की रणनीति

रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाए जाने से बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा नाराज बताए जा रहे थे। उनका कोई बयान नहीं आ रहा था और उनके घर भी कोई राजनीतिक हलचल नहीं थी। लेकिन शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जब रेखा गुप्ता ने मंच पर प्रवेश वर्मा से मुलाकात की, तो उन्होंने हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया। इसके बाद प्रवेश वर्मा ने भी अपनी नाराजगी भुलाकर रेखा गुप्ता को गले लगाया। इस दौरान दोनों के चेहरे पर मुस्कान देखने को मिली।

 

महाराष्ट्र का समीकरण भी साधा

बीजेपी ने इस मंच का इस्तेमाल महाराष्ट्र में जारी सियासी खींचतान को भी हल करने के लिए किया। शपथ ग्रहण समारोह में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजित पवार भी मौजूद रहे। पिछले कुछ दिनों से शिंदे की नाराजगी की खबरें आ रही थीं, लेकिन इस समारोह में फडणवीस और शिंदे एक मंच पर साथ दिखे। इससे संकेत मिला कि बीजेपी ने महाराष्ट्र में भी गुटबाजी को दूर करने की कोशिश की है।

 

बीजेपी के लिए ऐतिहासिक दिन

रेखा गुप्ता के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही बीजेपी ने दिल्ली में एक बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है। सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी के बाद वह राजधानी की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनी हैं। उनके नेतृत्व में बीजेपी अब दिल्ली की नई राजनीतिक दिशा तय करेगी।

 

यह शपथ ग्रहण समारोह केवल एक पदभार ग्रहण करने का अवसर नहीं था, बल्कि बीजेपी की शक्ति और रणनीति का प्रदर्शन भी था। प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह की मौजूदगी ने इसे और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया। इस समारोह के जरिए बीजेपी ने यह दिखाया कि दिल्ली में अब उनका शासन शुरू हो गया है और आगामी चुनावों के लिए पार्टी पूरी तरह तैयार है।