जयपुर: राजस्थान में महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों को लेकर एक बार फिर सियासी तापमान बढ़ गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने इन स्कूलों का रिव्यू करने के लिए उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में एक कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया है। कमेटी में स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और खाद्य मंत्री सुमित गोदारा को सदस्य बनाया गया है। इस कदम ने भाजपा और कांग्रेस के नेताओं को आमने-सामने ला दिया है।

 

शिक्षा मंत्री का कांग्रेस पर निशाना:

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पिछली सरकार ने अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोलने के नाम पर जनता को धोखा दिया। दिलावर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने इन स्कूलों के लिए पर्याप्त बजट और शिक्षकों की भर्ती नहीं की। उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने केवल बोर्ड लगाकर छात्रों और अभिभावकों को छलने का काम किया। यह कदम प्रदेश के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ था।"

दिलावर ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार और कुशासन का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार का कार्यकाल (2013-2018) शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान को दूसरे स्थान पर ले गया था। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार शिक्षा की बुनियादी संरचना को मजबूत करने के लिए काम कर रही है, और यह रिव्यू स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए किया जा रहा है।

 

गहलोत और कांग्रेस का पलटवार:

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि यह कदम सरकारी स्कूलों को बर्बाद करने की दिशा में उठाया गया है। गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "भाजपा सरकार सरकारी स्कूली शिक्षा को कमजोर करने का संकल्प लेकर चल रही है। यह गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को अंग्रेजी शिक्षा से वंचित करने की साजिश है।"

 

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी भाजपा सरकार पर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा नहीं चाहती कि गरीब और वंचित वर्ग के बच्चे अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त करें, क्योंकि इससे वे भाजपा नेताओं के बच्चों के बराबर आ सकते हैं। डोटासरा ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार का उद्देश्य प्राइवेट स्कूलों को फायदा पहुंचाना है।

 

राजनीतिक बयानबाजी जारी:

भाजपा ने कांग्रेस पर जवाबी हमला करते हुए कहा कि गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल में केवल प्रचार के लिए अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले और उन्हें आवश्यक संसाधन नहीं दिए। शिक्षा मंत्री दिलावर ने सवाल किया, "गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल में अंग्रेजी शिक्षकों की भर्ती क्यों नहीं की और स्कूलों के लिए संसाधन क्यों उपलब्ध नहीं कराए?"

 

कमेटी की भूमिका:

भाजपा सरकार का कहना है कि कैबिनेट सब कमेटी का उद्देश्य स्कूलों की गुणवत्ता का आकलन करना और उन्हें सुदृढ़ बनाना है। उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में गठित यह कमेटी स्कूलों के प्रबंधन और शिक्षण प्रणाली की समीक्षा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

 

निष्कर्ष:

महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों पर रिव्यू की घोषणा ने राजस्थान की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। भाजपा और कांग्रेस के बीच इस मुद्दे पर बयानबाजी तेज है, और दोनों दल एक-दूसरे पर शिक्षा के मुद्दे पर जनता को गुमराह करने के आरोप लगा रहे हैं। अब देखना होगा कि कमेटी की रिपोर्ट और सरकार के कदमों से इस विवाद का क्या समाधान निकलता है।