"हर स्कूली बच्चे के लिए अनिवार्य APAAR कार्ड: फायदे और नुकसान"

APAAR कार्ड के बारे में जानें सब कुछ (A to Z)  

नमस्कार दोस्तों! आज के वीडियो में हम बात करेंगे शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, द्वारा हाल ही में लागू किए गए एक महत्वपूर्ण प्रोग्राम के बारे में, जिसमें सभी स्कूली बच्चों के लिए APAAR कार्ड बनवाना अनिवार्य किया गया है। यहाँ हम निम्न विन्दुओं पर चर्चा करेंगे:

 

A.  APAAR कार्ड क्या है?

B.  इसके उद्देश्य क्या हैं?

C.  इसके लाभ और संभावित हानियां क्या हो सकती हैं?

 

APAAR के बारे में बात करने से पहले आपको एक जानकारी देना चाहता हूँ। इस विषय पर बहुत सारी videos आपको यूट्यूब पर मिल जायेंगे। कृपया उसे सावधानी से देखें। कई videos ऐसे हैं जो आपको ये बताएगा कि ये एक गलत कार्यक्रम है। इस से बच्चों पर से माता-पिता का अधिकार छिन जायेगा। परन्तु, आपको बता दें कि ऐसा इसमें कुछ भी नहीं है। वीडियो देखने से बेहतर है आप APAAR के website: https://apaar.education.gov.in/ पर जाइए और उसे ध्यान से देखिये तथा अपने विवेक से काम लीजिये”।

 

APAAR कार्ड क्या है?



दोस्तों, APAAR कार्ड का पूरा नाम है "Automated Personal Academic Assessment Record"। यह एक डिजिटल पहचान पत्र है, जो बच्चों की शिक्षा, उनके शैक्षणिक रिकॉर्ड, स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी और उनकी प्रतिभा के आंकड़ों को डिजिटल तरीके से सुरक्षित और संकलित करता है। यह कार्ड भारत सरकार की "डिजिटल इंडिया" पहल का हिस्सा है और इसे स्कूल स्तर पर सभी बच्चों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। इसे आधार कार्ड की तरह हर छात्र का एक विशिष्ट पहचान नंबर दिया जाएगा।

 

APAAR छात्रों को अपनी शैक्षणिक उपलब्धियों को एक जगह संग्रहीत करने का अधिकार देता है। यह आगे की शिक्षा के लिए संस्थानों के बीच बिना किसी रुकावट के, परन्तु आपके इच्छानुसार, एक से दूसरे संस्थान में transfer करने की सुविधा देता है। इसके लिए आपको कोई पेपर सर्टिफिकेट ढ़ोने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। APAAR आईडी स्कूल स्तर से ही क्रेडिट मान्यता और स्थानांतरण की प्रक्रियाओं को सरल बनाता है, जिससे शैक्षणिक प्रगति और पूर्व शिक्षा की मान्यता को सुव्यवस्थित किया जा सकता है।

 

APAAR, जिसका अर्थ है ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री, यानि कि भारत में सभी छात्रों के लिए डिजाइन एक विशेष पहचान प्रणाली। अपार आईडी छात्र के लिए एक स्थाई डिजिटल पहचान के रूप में काम करती है। यह पहल सरकार की ओर से शुरू 'एक देश, एक छात्र आईडी' कार्यक्रम का हिस्सा है, जो 2020 की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जुड़ी है। APAAR ID - एक 12-अंकीय कोड होता है जो छात्रों को अपने सभी शैक्षणिक क्रेडिट को डिजिटल रूप से स्टोर, मैनेज और एक्सेस करने में मदद करेगा। जिसमें स्कोर कार्ड, मार्कशीट, ग्रेडशीट, डिग्री, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट आदि शामिल हैं।

 

APAAR कार्ड में शामिल जानकारी:

  1. छात्र का नाम, जन्मतिथि, और स्कूल की जानकारी।
  2. शैक्षणिक प्रदर्शन का पूरा रिकॉर्ड।
  3. स्कूल में भागीदारी और उपस्थिति।
  4. को-करीकुलर एक्टिविटी और प्रतिभा से जुड़ी जानकारी।
  5. हेल्थ रिपोर्ट्स और नियमित स्वास्थ्य जांच के रिकॉर्ड।

 

APAAR कार्ड के उद्देश्य:

अब बात करते हैं कि आखिर इस प्रोग्राम को लागू करने के पीछे सरकार के क्या उद्देश्य हैं।

 

  1. शैक्षणिक डेटा का डिजिटलीकरण:
    छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन और उनकी प्रगति का रिकॉर्ड डिजिटल रूप में रखना ताकि उन्हें भविष्य में सही मार्गदर्शन और सहायता दी जा सके।
  2. हर बच्चे की ट्रैकिंग:
    यह सुनिश्चित करना कि कोई भी बच्चा शिक्षा प्रणाली से बाहर न हो।
  3. कस्टमाइज्ड लर्निंग:
    बच्चों की व्यक्तिगत क्षमता को पहचानकर उनके लिए एक कस्टमाइज्ड शिक्षा प्रणाली तैयार करना।
  4. शिक्षा में समानता:
    ग्रामीण और शहरी छात्रों के बीच की खाई को कम करना।
  5. सरकार के लिए पॉलिसी मेकिंग में मदद:
    छात्रों के प्रदर्शन और शिक्षा की स्थिति का सटीक डेटा सरकार को नीतियां बनाने में मदद करेगा।

 

APAAR कार्ड के लाभ:

अब बात करते हैं इसके कुछ प्रमुख फायदों की:

 

  1. व्यक्तिगत शिक्षा प्रणाली:
    प्रत्येक बच्चे की क्षमताओं और रुचियों के आधार पर उन्हें गाइड करना संभव होगा।
  2. ड्रॉपआउट रेट में कमी:
    जिन बच्चों की पढ़ाई छूट रही है, उन्हें ट्रैक कर दोबारा स्कूल से जोड़ा जा सकेगा।
  3. डिजिटल और पारदर्शी सिस्टम:
    छात्रों की शिक्षा, स्वास्थ्य और गतिविधियों का सही रिकॉर्ड रहेगा, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
  4. शिक्षा के लिए सही नीतियां बनाना:
    डेटा के आधार पर सरकार को शिक्षा की खामियों को दूर करने और बेहतर नीतियां बनाने में मदद मिलेगी।
  5. स्कॉलरशिप और अन्य योजनाएं:
    ज़रूरतमंद बच्चों को समय पर सही योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।
  6. अभिभावकों की जागरूकता:
    माता-पिता को बच्चों के शैक्षणिक प्रदर्शन और स्वास्थ्य की जानकारी समय पर मिलती रहेगी।

 

APAAR कार्ड की संभावित हानियां:

अब एक नज़र डालते हैं इसके संभावित नुकसान या चुनौतियों पर:

 

  1. डेटा प्राइवेसी का मुद्दा:
    चूंकि यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, इसमें डेटा चोरी और प्राइवेसी के उल्लंघन का खतरा हो सकता है।
  2. तकनीकी कठिनाइयां:
    ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट और डिजिटल साक्षरता की कमी इसे लागू करने में बाधा बन सकती है।
  3. प्रशासनिक बोझ:
    स्कूल और शिक्षकों पर छात्रों की जानकारी इकट्ठा करने और उसे अपडेट रखने का अतिरिक्त दबाव होगा।
  4. असमानता:
    जिन क्षेत्रों में डिजिटल संसाधन उपलब्ध नहीं हैं, वहां के बच्चों को इस प्रोग्राम का पूरा लाभ नहीं मिलेगा।
  5. आधार पर निर्भरता:
    चूंकि यह कार्ड आधार से लिंक होगा, अगर आधार डेटा में गड़बड़ी हुई, तो इसका असर भी बच्चों पर पड़ेगा।
  6. मनमानी और गलत उपयोग:
    कुछ जगहों पर अधिकारियों द्वारा इस डेटा का गलत इस्तेमाल हो सकता है।

 

क्या APAAR कार्ड भविष्य में शिक्षा व्यवस्था को बदल सकता है?

दोस्तों, अब सवाल यह उठता है कि क्या यह प्रोग्राम वास्तव में शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है?

  1. अगर इसे सही तरीके से लागू किया जाए और डेटा प्राइवेसी का ध्यान रखा जाए, तो यह बच्चों के लिए एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।
  2. लेकिन, इसे पूरी तरह से सफल बनाने के लिए हमें टेक्नोलॉजी, शिक्षा और समाज के हर स्तर पर बदलाव लाने की ज़रूरत होगी।

 

तो दोस्तों, APAAR कार्ड एक बेहतरीन पहल है, जो शिक्षा को डिजिटल और पारदर्शी बनाने में मदद कर सकती है। लेकिन, इसके साथ जुड़ी चुनौतियों को हल करना भी उतना ही ज़रूरी है।

आपकी इस बारे में क्या राय है? क्या आपको लगता है कि APAAR कार्ड शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाएगा? हमें अपने विचार नीचे कमेंट में ज़रूर बताएं।


"शिक्षा में बदलाव, हर बच्चे का अधिकार!"