प्रयागराज: महाकुंभ 2025 के आयोजन के दौरान
एक ऐतिहासिक पहल देखने को मिलेगी, जब विभिन्न परिस्थितियों में सनातन धर्म से मतांतरण
कर चुके सैकड़ों लोग फिर से अपने मूल धर्म में लौटेंगे। यह जानकारी शनिवार को अखिल
भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र गिरि महाराज ने दी।
महंत रविंद्र गिरि ने बताया कि
अतीत में विदेशी आक्रमणकारियों के अत्याचार के कारण कई लोग अपने परिवार और जीवन की
सुरक्षा के लिए धर्म परिवर्तन करने को मजबूर हुए थे। लेकिन अब, उन पर थोपे गए कट्टर
विचारधाराओं और दबावों से परेशान होकर, वे स्वयं अपनी इच्छा से सनातन धर्म में वापसी
करना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री
से प्रेरणा:
महंत रविंद्र गिरि ने बताया कि
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा
सनातन धर्म के उत्थान और वैश्विक स्तर पर इसके प्रचार के लिए किए जा रहे प्रयासों से
प्रभावित होकर, इन लोगों ने स्वेच्छा से धर्म में वापसी की इच्छा जताई है। उन्होंने
कहा, "ये लोग कहते हैं कि राम हमारे प्राण हैं और हमें फिर से सनातन में लौटना
है।"
सम्मान और समरसता के साथ स्वागत:
महाकुंभ के दौरान इन लोगों को
गंगा स्नान के साथ सनातन धर्म में वापसी कराई जाएगी। महंत रविंद्र गिरि ने कहा,
"हम उनका सम्मान के साथ स्वागत करेंगे और समरसता का माहौल बनाएंगे।" उन्होंने
जोर देकर कहा कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से स्वैच्छिक है और इसे धर्मांतरण कहना अनुचित
है।
कट्टरपंथियों पर निशाना:
महंत ने उन लोगों पर कटाक्ष किया
जो इस पहल को धर्मांतरण का नाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा, "ऐसे लोग कट्टरपंथी
हैं, जो न केवल सनातन धर्म के विरोधी हैं, बल्कि मानवता और विश्व शांति के भी विरोधी
हैं। वे नहीं चाहते कि विश्व में शांति और सद्भाव स्थापित हो।"
गंगा स्नान और धर्म में वापसी
का आयोजन:
महाकुंभ के दौरान पतित पावनी
गंगा के तट पर इन लोगों के लिए विशेष आयोजन किया जाएगा। महंत ने कहा कि यह घर वापसी
केवल धार्मिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि उनकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को पुनः स्थापित
करने का एक प्रयास है।
ऐतिहासिक पहल का प्रतीक:
यह आयोजन न केवल सनातन धर्म के
प्रति लोगों के बढ़ते जुड़ाव को दर्शाता है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं के
प्रति वैश्विक जागरूकता का भी प्रतीक है। महाकुंभ के इस विशेष आयोजन से लाखों श्रद्धालु
इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनेंगे।
महाकुंभ 2025: सनातन धर्म का
संदेश:
महाकुंभ 2025 में होने वाली यह
पहल भारतीय परंपराओं के वैश्विक प्रचार-प्रसार का उदाहरण बनेगी। महंत रविंद्र गिरि
ने सभी सनातन धर्मावलंबियों से अपील की है कि वे इस ऐतिहासिक अवसर पर एकजुट होकर इन
लोगों का स्वागत करें और विश्व शांति के संदेश को मजबूत करें।
महाकुंभ में इस अनूठे आयोजन से
सनातन धर्म के प्रति न केवल देश में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता बढ़ने की
उम्मीद है।
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