जवाहरलाल नेहरू और एडविना माउंटबेटन के पत्रों को लेकर उठे विवाद ने एक बार फिर भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि आखिर सोनिया गांधी इन पत्रों को सार्वजनिक करने से क्यों बच रही हैं।

 

1. विवाद की पृष्ठभूमि

  • प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (PMML) ने पहली बार औपचारिक रूप से जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखे गए कुछ व्यक्तिगत पत्रों को वापस करने की मांग की है।
  • 2008 में, यूपीए शासन के दौरान ये पत्र कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को भेजे गए थे।

 

2. पत्रों में क्या है खास?

  • पत्रों में शामिल संवाद एडविना माउंटबेटन, जयप्रकाश नारायण, अल्बर्ट आइंस्टीन, पद्मजा नायडू और अन्य प्रसिद्ध हस्तियों के साथ हैं।
  • खासकर, एडविना माउंटबेटन के साथ नेहरू के पत्रों को लेकर काफी चर्चा हो रही है।

 

3. भाजपा के सवाल

भाजपा ने यह आरोप लगाया है:

  1. 51 कार्टन पत्रों को क्यों ले जाया गया?
  2. विशेष रूप से एडविना माउंटबेटन को लिखे पत्रों में ऐसा क्या है, जिसे कांग्रेस छिपाना चाहती है?
  3. देश को इन पत्रों की सच्चाई जानने का अधिकार है।

संबित पात्रा और अन्य भाजपा प्रवक्ताओं ने सोनिया गांधी से इन पत्रों को सार्वजनिक करने की मांग की है।

 

4. पामेला हिक्स का खुलासा

एडविना माउंटबेटन की बेटी पामेला हिक्स ने अपनी किताब "Daughter of Empire: Life as a Mountbatten" में नेहरू और एडविना के रिश्ते का जिक्र किया है।

  • गहरा रिश्ता: पामेला ने लिखा कि नेहरू और एडविना के बीच गहरा आध्यात्मिक और बौद्धिक रिश्ता था।
  • सम्मान और प्रेम: उन्होंने एक-दूसरे का बहुत सम्मान किया और एक-दूसरे के करीब थे।
  • शारीरिक संबंध की बात को नकारा: पामेला ने कहा कि उनके पास कभी शारीरिक संबंध का समय नहीं था, क्योंकि वे हमेशा लोगों से घिरे रहते थे।

 

5. कांग्रेस का रुख

कांग्रेस ने अब तक इस मामले में स्पष्ट रुख नहीं अपनाया है। पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि भाजपा बेवजह इतिहास के व्यक्तिगत पहलुओं को राजनीतिक मुद्दा बना रही है।

 

6. विदाई भाषण और अंगूठी का किस्सा

  • एडविना जब भारत छोड़ रही थीं, तो उन्होंने नेहरू के लिए एक पन्ना की अंगूठी छोड़नी चाही, लेकिन नेहरू ने इसे स्वीकार नहीं किया।
  • एडविना ने इसे इंदिरा गांधी को दे दिया।
  • नेहरू के विदाई भाषण में उन्होंने कहा, "भारत के लोग आपसे प्यार करते हैं और आपको अपना मानते हैं।"

 

7. मुद्दे के राजनीतिक मायने

  • भाजपा इस मुद्दे को कांग्रेस नेतृत्व पर हमला करने के लिए इस्तेमाल कर रही है।
  • यह मामला एक ऐतिहासिक विवाद को फिर से जिंदा कर रहा है, जिसका राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश हो रही है।

 

निष्कर्ष

यह विवाद न केवल इतिहास के पन्नों में दर्ज एक व्यक्तिगत रिश्ते की चर्चा को सामने लाता है, बल्कि इससे जुड़े राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप को भी उजागर करता है। भाजपा और कांग्रेस के बीच यह बहस अभी और गर्म हो सकती है क्योंकि भाजपा ने पत्रों को सार्वजनिक करने की मांग तेज कर दी है।