संभल, उत्तर प्रदेश: चंदौसी के लक्ष्मणगंज इलाके
में खुदाई के दौरान 'रानी की बावड़ी' के रहस्यमयी ढांचे उजागर हो रहे हैं। प्रशासन
द्वारा चार दिनों से की जा रही इस खुदाई में प्राचीन संरचनाएं, गलियारे, सीढ़ियां और
मुख्य द्वार सामने आ चुके हैं। रविवार को खुदाई के दौरान एक और प्राचीन गलियारा मिला,
जिससे बावड़ी का ऐतिहासिक महत्व और बढ़ गया है।
खुदाई अब तक सात फीट गहराई तक
पहुंचा गया है और इस प्रक्रिया में कुल पांच गलियारे और आठ सीढ़ियां सामने आ चुकी हैं।
ये संरचनाएं बावड़ी के प्राचीन और भव्य निर्माण का प्रमाण हैं। माना जा रहा है कि बावड़ी
के भीतर जलस्रोत के साथ एक कुआं भी मौजूद है। नगरपालिका की टीम इस प्राचीन धरोहर को
संरक्षित रखने के लिए सावधानीपूर्वक खुदाई कर रही है।
गलियारों और संरचनाओं का अन्वेषण
जारी
रानी की बावड़ी के भीतर से अब
तक एक मुख्य द्वार और कई गलियारे सामने आ चुके हैं। इन गलियारों के सहारे बावड़ी के
विभिन्न हिस्सों तक पहुंचने का मार्ग मिलता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि बावड़ी
दो मंजिल गहरी हो सकती है। खुदाई के लिए मजदूरों को लगाया गया है ताकि इस ऐतिहासिक
धरोहर को कोई नुकसान न हो। प्रशासन के अनुसार, अभी तक जेसीबी या मशीनरी का उपयोग नहीं
किया गया है, जिससे संरचना की प्राचीनता सुरक्षित बनी रहे।
नगरपालिका इंस्पेक्टर प्रियंका
सिंह ने कहा, "जब तक बावड़ी की संरचनाएं सामने आती रहेंगी, खुदाई का काम जारी
रहेगा। हमें उम्मीद है कि इस बावड़ी के अंदर जल का कोई प्राचीन स्रोत मिलेगा।"
संबंधित क्षेत्र में और भी प्राचीन
कुएं मिले
रानी की बावड़ी की खुदाई के बीच,
संभल के लाडो सराय में एक सौ साल पुराना कुआं भी मिला है। यह कुआं मिट्टी और कूड़े-कचरे
से पूरी तरह बंद था। प्रशासन पुराने नक्शों के आधार पर इन प्राचीन संरचनाओं की खोज
कर रहा है। चंदौसी और आसपास के क्षेत्रों में 19 कुओं का उल्लेख मिलता है, जिनमें से
कुछ की खोज अब पूरी हो रही है।
यह खुदाई न केवल पुरातात्विक
महत्व को रेखांकित करती है, बल्कि पुराने जलस्रोतों के पुनरुद्धार का एक प्रयास भी
है।
इतिहास के पन्नों से जुड़ने की
उम्मीद
चंदौसी की रानी की बावड़ी और
संभल के अन्य प्राचीन जलस्रोत उत्तर भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर की झलक पेश
करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बावड़ी न केवल जल संचयन का माध्यम रही होगी,
बल्कि इसका ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व भी हो सकता है।
निष्कर्ष:
जैसे-जैसे खुदाई का काम आगे बढ़
रहा है, यह प्राचीन बावड़ी हर दिन नई परतें खोल रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि
इस खुदाई में और क्या-क्या रहस्य सामने आते हैं। इस ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित कर
स्थानीय प्रशासन ने आने वाली पीढ़ियों के लिए इसे जीवंत रखने का प्रयास किया है।
फोटो साभार: गूगल
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