पटना: जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोलते हुए अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और पूर्वांचलियों के लिए उनकी प्रतिबद्धता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। संजय झा ने एक पत्र में केजरीवाल को याद दिलाया कि 2014 में जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दिया था, तब उन्होंने महादलित समाज के नेता जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था। उन्होंने सवाल किया कि क्या आज केजरीवाल इस तरह की सामाजिक प्रतिबद्धता दिखा सकते हैं।

 

जेडीयू का केजरीवाल को जवाब

संजय झा ने अपने पत्र में लिखा कि जेडीयू और एनडीए का हर सदस्य समाज के हर वर्ग को साथ लेकर "विकसित भारत" की ओर आगे बढ़ रहा है। झा ने कहा कि देश की प्रगति और सामाजिक समरसता कुछ लोगों को नागवार गुजर रही है। उन्होंने केजरीवाल को सलाह दी कि देश की उन्नति के प्रति दुराग्रह छोड़कर सकारात्मक सोच अपनाएं।

 

संजय झा ने केजरीवाल के उस पत्र का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी पर विचार करने का अनुरोध किया था। झा ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि यह अमित शाह का "सत्य भाषण" था, जो 'इंडिया' गठबंधन और राहुल गांधी की राजनीति की पोल खोलता है।

 

केजरीवाल का पत्र और जेडीयू का पलटवार

अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में आरोप लगाया था कि भाजपा बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान निर्माता से प्रेम करने वाले लोग भाजपा का समर्थन नहीं कर सकते। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए झा ने कहा कि कांग्रेस और उनके नेताओं ने बार-बार बाबा साहेब का अपमान किया, जबकि नीतीश कुमार ने हमेशा उनके आदर्शों पर चलने की कोशिश की।

 

झा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी ने अंबेडकर को भारत रत्न देने में भी देरी की। उन्होंने जोर देकर कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार में दलितों और पिछड़ों के उत्थान के लिए जो काम किए हैं, उनकी कल्पना भी 'इंडिया' गठबंधन और उनके नेता नहीं कर सकते।

 

नीतीश कुमार और सामाजिक न्याय

संजय झा ने नीतीश कुमार के सामाजिक न्याय के कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने दलित और पिछड़े वर्गों को सशक्त बनाने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए। उन्होंने कहा कि यह सब बाबा साहेब अंबेडकर के आदर्शों को आत्मसात करके संभव हुआ। झा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल और उनके सहयोगी इस तरह के प्रयासों से अनभिज्ञ हैं और सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी कर रहे हैं।

 

जेडीयू का संदेश

जेडीयू के इस जवाब ने यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी न केवल बाबा साहेब अंबेडकर के आदर्शों के प्रति प्रतिबद्ध है, बल्कि उनकी विरासत की रक्षा के लिए पूरी तरह समर्पित है। संजय झा ने केजरीवाल से आग्रह किया कि वे अपनी राजनीति को सकारात्मक दिशा में ले जाएं और समाज को बांटने की बजाय समरसता को बढ़ावा दें।

 

इस प्रकरण ने न केवल राजनीति के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया कि बाबा साहेब अंबेडकर की विरासत को लेकर सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच संघर्ष किस हद तक बढ़ सकता है। यह बहस सामाजिक न्याय की दिशा में उठाए गए वास्तविक कदमों और महज राजनीतिक बयानबाजी के बीच फर्क को भी रेखांकित करती है।

 

चित्र साभार: गूगल