मुंबई/नई दिल्ली: आखिरकार बीजेपी ने महाराष्ट्र
में राष्ट्रपति शासन लगने से बचा ही लिया। कल तक ये खबर जोरों पर थी कि चूँकि मुख्यमंत्री
पद के लिए एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच खिंच तान चल रही है तो हो सकता है
कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग जाए। विपक्षी दल भी बहुत चटकारे लेकर मजे ले
रहे थे कि बहुमत होने से कुछ नहीं होता। आप सरकार नहीं बना पा रहे हैं। लेकिन बीजेपी
ने स्थिति को बेहद बिगड़ने से पहले ही संभाल लिया। इसका श्रेय जाता है भारत की वित्त
मंत्री श्रीमति निर्मला सीतारमण को। उन्होंने
स्थिति को बहुत अच्छी तरह से हैंडल किया है। देवेंद्र फडणवीस की एक पाँचलाइन
आज फिर से लोगों को याद आ गई। जब 2019 में उन्होंने कहा था "मैं समंदर हूं, लौटकर वापस आऊंगा"।
महाराष्ट्र की कमान फडणवीस के हाथ
अब महाराष्ट्र की कमान उनके हाथों में होगी। भाजपा
विधायक दल की बैठक उनके नाम पर मुहर लग गई है। देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के तीसरी
बार सीएम बनेंगे। इसके पहले वो 2014 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। फडणवीस बीजेपी
के पहले और महाराष्ट्र के दूसरे मुख्यमत्री बने जो कि अपना कार्यकाल पूरा किया हो।
वो ५ साल तक मुख्यमंत्री रहे थे। इसके पहले केवल वसंतराव नाईक ही अपना कार्यकाल पूरा
कर पाए थे। वह कांग्रेस के नेता थे। एकनाथ शिंदे ने भले ही उन्हें कुछ समय के लिए बेचैन
किया, मगर फडणवीस अपने इरादों पर अडिग रहे। उन्होंने सीएम पद की रेस में सरेंडर नहीं
किया और आखिरकार सीएम रेस वाली बाजी अपने नाम कर ली।
बीजेपी का उगता हुआ सूरज
देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी
का उगता हुआ सूरज की तरह हैं। फडणवीस की अगुवाई
में ही भाजपा का महाराष्ट्र में 2014 में वनवास खत्म हुआ था। देवेंद्र फडणवीस का सियासी सफर सीधे विधायक या
सीएम पद से शुरू नहीं हुआ है। वह काफी कम उम्र में एक्टिव पॉलिटिक्स में आ गए थे। वह
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सक्रिय सदस्य रहे फिर एबीवीपी के मेंबर रहते हुए पहली
बार नगर निकाय में पार्षद बने थे। उसके ठीक 5 साल बाद नागपुर के मेयर बने थे। उनकी
काबिलियत ही है कि उन्होंने मराठा आंदोलन को अच्छे से संभाला था।
44 वर्ष की उम्र में महाराष्ट्र के दूसरे सबसे
युवा मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड भी फडणवीस के नाम ही है। देवेंद्र फडणवीस साल
1999 और 2014 में नागपुर दक्षिण पश्चिम से विधायक बने थे। इसी के बाद भाजपा विधायकों
ने उन्हें अपना नेता चुना था। साल 1960 में
महाराष्ट्र के निर्माण के बाद राज्य में 17 मुख्यमंत्री बने। फडणवीस संघ से भी एक्टिव
तौर पर जुड़े रहे हैं। वह पिछले 30 साल से एक्टिव पॉलिटिक्स में हैं।
फडणवीस की वजह से भाजपा को मिली प्रचंड जीत
देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के पहले भाजपा मुख्यमंत्री
रहे हैं। उन्होंने महायुती (बीजेपी, शिवसेना, एनसीपी) में खुद को एक मजबूत कड़ी के
रूप में स्थापित किया है। 2024 के विधानसभा चुनावों में महायुति ने कुल 288 सीटों में
से 234 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया है। इनमें से अकेली भाजपा ने 132 सीटें
हासिल की है। इसका क्रेडिट देवेंद्र फडणवीस को ही दिया जा रहा है. ऐसा कहा जाता है
कि उन्होंने जमीन पर भाजपा के लिए बहुत काम किया और इस जीत में उनकी बड़ी भूमिका है।
वह सीएम से डिप्टी सीएम रहने तक का सफर देख चुके हैं।
देवेंद्र फडणवीस को फिर से मुख्यमंत्री बनाने पर
बहुत बहुत बधाई।
Recent Comments