पूर्णिया: पूर्णिया के राजकीय चिकित्सा
महाविद्यालय एवं अस्पताल में संचालित थैलेसीमिया डे केयर सेंटर गंभीर बीमारी से जूझ
रहे मरीजों के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरा है। यह केंद्र थैलेसीमिया से ग्रसित मरीजों
को नियमित और गुणवत्तापूर्ण उपचार प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
इस केंद्र से प्रतिमाह औसतन 125 मरीज लाभान्वित हो रहे हैं, जो इसकी सफलता और लोकप्रियता
को दर्शाता है।
थैलेसीमिया: एक गंभीर बीमारी
थैलेसीमिया एक आनुवंशिक बीमारी
है जिसमें शरीर पर्याप्त मात्रा में हीमोग्लोबिन का उत्पादन नहीं कर पाता। इसके कारण
मरीज को बार-बार रक्त आधान की आवश्यकता पड़ती है। यदि समय पर उपचार न मिले, तो यह बीमारी
जीवन के लिए गंभीर खतरा बन सकती है।
डे केयर सेंटर की विशेषताएं
राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय
एवं अस्पताल का थैलेसीमिया डे केयर सेंटर इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को अत्याधुनिक
चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है।
- रक्त
आधान सुविधा:
केंद्र पर नियमित रूप से रक्त आधान की सुविधा उपलब्ध है, जिससे मरीजों को बार-बार
रक्त की कमी से राहत मिलती है।
- विशेषज्ञ
चिकित्सकों की देखरेख: यहां भर्ती मरीजों का इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों और कुशल नर्सिंग
स्टाफ की देखरेख में किया जाता है।
- आधुनिक
उपकरण:
केंद्र में आधुनिक चिकित्सा उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है, जो उपचार को प्रभावी
और सुरक्षित बनाते हैं।
- सहायक
सेवाएं:
मरीजों को आवश्यक दवाएं, पोषण संबंधी सलाह और मनोवैज्ञानिक परामर्श भी प्रदान
किया जाता है।
प्रभावशाली आंकड़े
थैलेसीमिया डे केयर सेंटर में
रोजाना औसतन 6 से 7 मरीज भर्ती होते हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि यह केंद्र न केवल
स्थानीय स्तर पर, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी मरीजों के लिए जीवन रक्षक भूमिका
निभा रहा है।
- मासिक
औसत: प्रतिमाह
लगभग 125 मरीजों को उपचार मिलता है।
- जीवन
की गुणवत्ता में सुधार: नियमित रक्त आधान और चिकित्सीय सेवाओं के कारण मरीजों के स्वास्थ्य
और जीवन की गुणवत्ता में सकारात्मक बदलाव देखा गया है।
मरीजों और परिवारों की प्रतिक्रियाएं
केंद्र की सेवाओं से लाभान्वित
मरीज और उनके परिवार इसकी प्रशंसा कर रहे हैं। मरीजों के परिजनों ने बताया कि इस केंद्र
की सेवाओं ने उनकी चिंता को काफी हद तक कम कर दिया है। उन्हें अब अपने बच्चों और परिवार
के अन्य सदस्यों के लिए रक्त और उपचार के लिए दूरदराज के क्षेत्रों में जाने की आवश्यकता
नहीं पड़ती।
चुनौतियां और सुधार की संभावनाएं
हालांकि यह केंद्र मरीजों को
बेहतर सेवाएं प्रदान कर रहा है, फिर भी कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं:
- रक्त
की उपलब्धता:
रक्त आधान के लिए पर्याप्त मात्रा में रक्त उपलब्ध कराना सुनिश्चित करना एक बड़ी
चुनौती है।
- सुविधाओं
का विस्तार:
मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्र की सुविधाओं को और अधिक विस्तारित
करने की आवश्यकता है।
- जागरूकता
अभियान:
थैलेसीमिया के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाने की जरूरत है।
प्रशासन का प्रयास
स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल प्रशासन
ने इस केंद्र को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। रक्तदान
शिविरों का आयोजन और अतिरिक्त चिकित्सा स्टाफ की नियुक्ति जैसी पहलें इस दिशा में सराहनीय
कदम हैं।
पूर्णिया का थैलेसीमिया डे केयर
सेंटर उन मरीजों के लिए जीवन रक्षक साबित हो रहा है जो इस गंभीर बीमारी से जूझ रहे
हैं। इसके प्रयास न केवल मरीजों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर रहे हैं, बल्कि उनके परिवारों
के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं। यदि इस केंद्र की सुविधाओं का विस्तार
किया जाए और जागरूकता बढ़ाई जाए, तो यह और भी प्रभावी तरीके से अपनी सेवाएं प्रदान
कर सकेगा।
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