पीएचडी चैंबर ऑफ
कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के कई राज्यों
ने वित्त वर्ष 2021-22 और 2022-23 के दौरान उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति दर्ज की
है। कोविड महामारी के प्रभाव के बावजूद, 25 राज्यों ने 7% से अधिक की जीएसडीपी
(सकल राज्य घरेलू उत्पाद) वृद्धि हासिल की है, जबकि 17 राज्यों ने 9% की प्रभावशाली
वृद्धि दर को पार किया है।
1. प्रमुख राज्यों
की आर्थिक उपलब्धियाँ
क्षेत्र |
प्रमुख राज्य |
मुख्य योगदान |
बुनियादी ढाँचा |
तमिलनाडु, आंध्र
प्रदेश |
बुनियादी ढांचा
परियोजनाओं में प्रगति |
अक्षय ऊर्जा |
राजस्थान, गुजरात |
अक्षय ऊर्जा
पहलों में अग्रणी भूमिका |
कृषि उत्पादन |
पंजाब, हरियाणा,
उत्तर प्रदेश |
कृषि उत्पादन
में उत्कृष्ट प्रदर्शन |
खनिज संपदा और
औद्योगिक प्रगति |
छत्तीसगढ़, मध्य
प्रदेश, ओडिशा |
खनिज संसाधनों
का उपयोग और औद्योगिकीकरण |
तकनीकी और औद्योगिक
विकास |
महाराष्ट्र,
गुजरात, कर्नाटक |
तकनीकी और औद्योगिक
क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान |
पर्यटन और सांस्कृतिक
धरोहर |
केरल, राजस्थान,
गोवा |
पर्यटन से विदेशी
मुद्रा आय में वृद्धि |
मानव विकास
(शिक्षा और स्वास्थ्य) |
केरल, तमिलनाडु |
नवाचारों से
मानव विकास सूचकांक में सुधार |
विदेशी निवेश |
गुजरात, पंजाब,
तेलंगाना |
निवेश सम्मेलनों
और आईटी पहल से विदेशी निवेश |
2. पूर्वोत्तर
राज्यों का कनेक्टिविटी सुधार
पूर्वोत्तर राज्यों
में सड़क, रेल और डिजिटल कनेक्टिविटी के सुधार के चलते:
- व्यापार और पर्यटन में वृद्धि हुई।
- क्षेत्र ने नए व्यापार और पर्यटन केंद्र
के रूप में अपनी पहचान बनाई।
3. "विकसित
भारत" के लिए नौ-आयामी रणनीति
पीएचडीसीसीआई ने
“विकसित भारत” की परिकल्पना को साकार करने के लिए नौ-आयामी रणनीति प्रस्तावित
की है:
- व्यापार में सुगमता
- परिचालन लागत में कमी
- बुनियादी ढांचे का विकास
- सतत विकास को बढ़ावा
- सेवा क्षेत्र का विस्तार
- निर्यात वृद्धि
- कौशल विकास
- स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश
- सफल प्रथाओं का साझाकरण
4. आर्थिक विकास
का महत्व
- राज्यों की वृद्धि: आर्थिक प्रगति में राज्यों
की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि विविध क्षेत्रों में उनकी विशेषज्ञता और
योगदान भारत की समग्र जीडीपी में योगदान देते हैं।
- निवेश और रोजगार: बुनियादी ढाँचा, पर्यटन
और तकनीकी विकास ने निवेश आकर्षित किया है और रोजगार के नए अवसर
पैदा किए हैं।
निष्कर्ष
भारत के राज्यों
ने कोविड महामारी के बाद तेज आर्थिक सुधार दिखाया है। बुनियादी ढाँचा, अक्षय
ऊर्जा, कृषि, पर्यटन और औद्योगिक विकास के क्षेत्रों में राज्यों के योगदान ने “विकसित
भारत” की नींव मजबूत की है। PHDCCI की रणनीति पर अमल करके भारत आने वाले
वर्षों में आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर कदम बढ़ा सकता है।
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