क्या आप गिनती कर सकते हैं कि ये कितना है? गिनते-गिनते थक जाओगे

भारतीय रुपया: 2,04,68,10,87,00,000.00

दोस्तों, भारत में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो गाहे-बगाहे भारत की वर्तमान सरकार पर तंज कसती है कि पीएम ने भारत को कर्ज तले दबा दिया है। हर भारतीय पर इतना हजार का कर्जा चढ़ा दिया है। पता नहीं वो कैलकुलेशन भी कर लेते हैं कि प्रति व्यक्ति कितना कर्ज है। मजे की बात ये भी है कि जिसे अर्थव्यवस्था की बी सी डी भी नहीं आती है वह भी ज्ञान की बातें करते दिखते हैं। पर क्या करें, ये भारत है, यहाँ सब को कुछ भी बोलने की आजादी है। और कुछ पढ़े-लिखे लोग शायद जानते हुए भी अनजान बनने की कोशिश करते हैं कि देश कोई भी हो बगैर कर्ज के चला ही नहीं सकता। चाहे वो छोटा हो या बड़ा देश।

 

आपने अक्सर सुना होगा कि अमेरिका दुनिया का सुपरपावर है और वह कई देशों को कर्ज देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि खुद अमेरिका भी अरबों डॉलर के कर्ज में डूबा हुआ है? और सबसे चौंकाने वाली बातभारत भी उन देशों में शामिल है, जिसने अमेरिका को कर्ज दिया है!

चलिए, आपको बताते हैं कि अमेरिका पर किन-किन देशों का कितना कर्ज है और यह पूरा सिस्टम आखिर कैसे काम करता है।

 

आइए जानते हैं कि अमेरिका पर भारत का कितना कर्ज है?

जर्मन मीडिया संगठन DW की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने अमेरिका को 234 अरब डॉलर का कर्ज दिया है। दरअसल, यह कर्ज भारत ने सीधे पैसे देकर नहीं बल्कि अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड खरीदकर दिया है। भारत अब उन टॉप देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने अमेरिका को सबसे ज्यादा कर्ज दिया है।

 

एक नजर डालते हैं कि अमेरिका पर भारत के अलावे और किन-किन देशों का कर्ज है:

जापान – 1100 अरब डॉलर

चीन – 768.6 अरब डॉलर

ब्रिटेन – 765 अरब डॉलर

लक्ज़मबर्ग – 424.5 अरब डॉलर

भारत – 234 अरब डॉलर

 

इसके अलावा फ्रांस, कनाडा, बेल्जियम, आयरलैंड, स्विट्जरलैंड, ताइवान, सिंगापुर और हांगकांग भी अमेरिका को कर्ज देने वाले देशों में शामिल हैं।

 

आखिर ट्रेजरी बॉन्ड क्या होते हैं?

अमेरिकी सरकार अपने खर्च पूरे करने के लिए ट्रेजरी बॉन्ड जारी करती है। इन बॉन्ड्स को खरीदने वाले देश और संस्थान अमेरिकी सरकार को कर्ज देते हैं। तय समय के बाद अमेरिकी सरकार इन्हें ब्याज सहित वापस करती है। इससे निवेशकों को सुरक्षित रिटर्न मिलता है।

दुनिया के कई देशों की सरकारें भी ऐसे ही ट्रेजरी बॉन्ड जारी करती हैं और बड़े बैंक संस्थान इसमें निवेश करके अच्छा मुनाफा कमाते हैं।

 

तो देखा आपने? अमेरिका जिसे पूरी दुनिया कर्ज देने वाला देश मानती है, वह खुद भी दुनिया के कई देशों का सबसे बड़ा कर्जदार है! और भारत भी उन देशों में शामिल है, जो अमेरिका को अरबों डॉलर का कर्ज दे रहा है।

 

क्या आपको लगता है कि भारत को इस कर्ज के बदले अमेरिका से कोई विशेष लाभ मिलना चाहिए? हमें कमेंट में बताइये।