नई दिल्ली/कुवैत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खाड़ी देश कुवैत की अपनी ऐतिहासिक यात्रा के दौरान वहां के भारतीय समुदाय और सांस्कृतिक संबंधों को नया आयाम दिया। यह यात्रा कुवैत और भारत के बीच गहरे रिश्तों को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

 

रामायण-महाभारत के अरबी अनुवादकों से मुलाकात

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान रामायण और महाभारत का अरबी भाषा में अनुवाद करने वाले अब्दुल्ला बैरन और इन ग्रंथों को प्रकाशित करने वाले अब्दुल्ला लतीफ अलनेसेफ से विशेष मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने इन दोनों को इस महान कार्य के लिए बधाई दी और उनकी कोशिशों को भारतीय संस्कृति के प्रसार का सराहनीय प्रयास बताया। प्रधानमंत्री ने पहले अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में इनके काम की प्रशंसा की थी।

 

कुवैत में भारतीयों की भूमिका पर जोर

कुवैत में 10 लाख से अधिक भारतीय प्रवासी रहते हैं, जो वहां की कुल आबादी का लगभग 21 प्रतिशत हैं। कुवैत की वर्कफोर्स में भारतीयों की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत है। निर्माण और निजी क्षेत्रों के साथ-साथ घरेलू कार्यबल में भी भारतीयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस यात्रा में प्रधानमंत्री ने भारतीय प्रवासियों के योगदान को लेकर प्रशंसा व्यक्त की और उन्हें भारत का सच्चा प्रतिनिधि बताया।

 

राजकीय सम्मान और उच्च स्तरीय बैठकें

प्रधानमंत्री मोदी का कुवैत पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। बयान पैलेस में उन्हें औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। प्रधानमंत्री ने कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह और क्राउन प्रिंस से मुलाकात की। इन बैठकों में व्यापार, ऊर्जा और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई। इसके अलावा, उन्होंने कुवैत के प्रधानमंत्री के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की।

 

कुवैत में भारतीय समुदाय से जुड़ाव

पीएम मोदी ने कुवैत में भारतीय प्रवासियों के साथ संवाद किया और उनके जीवन के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने एक श्रमिक शिविर का भी दौरा किया, जहां उन्होंने भारतीय श्रमिकों के कल्याण और उनके योगदान की सराहना की। क्राउन प्रिंस ने प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में विशेष भोज का आयोजन किया।

 

अरेबियन गल्फ कप में विशेष अतिथि

प्रधानमंत्री मोदी कुवैत में आयोजित 26वें अरेबियन गल्फ कप के उद्घाटन समारोह में विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। उनकी यह उपस्थिति दोनों देशों के बीच खेल और सांस्कृतिक संबंधों को प्रोत्साहित करने का प्रतीक है।

 

भारत-कुवैत संबंधों का नया अध्याय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक है। 43 सालों में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने कुवैत की यात्रा की। यह यात्रा न केवल दोनों देशों के कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगी, बल्कि सांस्कृतिक जुड़ाव को भी गहरा करेगी।

 

प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल से न केवल भारतीय समुदाय का सम्मान बढ़ा है, बल्कि रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों के माध्यम से भारतीय संस्कृति का वैश्विक प्रसार भी सुनिश्चित हुआ है। इस यात्रा से भारत और कुवैत के संबंधों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है, जो भविष्य में और भी प्रगाढ़ होने की उम्मीद है।

 

चित्र साभार: गूगल