नई दिल्ली: उत्तर भारत में
ठंड का प्रकोप इस साल सामान्य से पहले और अधिक तीव्रता के साथ देखने को मिल रहा है।
दिसंबर के दूसरे हफ्ते में ही शीतलहर और गिरते तापमान ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं।
उत्तर भारत में
ठंड का प्रभाव
- उत्तर प्रदेश
- 20 साल बाद दिसंबर के दूसरे सप्ताह में ही
कोल्डवेव (शीतलहर) चल रही है।
- चित्रकूट में तेज ठंड के कारण एक किसान की
मौत हो गई।
- ओडिशा
- मयूरभंज में तापमान -10 डिग्री सेल्सियस
तक गिर गया।
- पेड़ों की पत्तियों पर जमी हुई ओस की बूंदें
ठंड की तीव्रता को दर्शा रही हैं।
- मध्य प्रदेश
- शहडोल में सबसे कम तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस
दर्ज किया गया।
- भोपाल में रात का तापमान 4 डिग्री सेल्सियस
से कम हो गया।
- यह 10 वर्षों में दूसरी बार है जब दिसंबर
में इतना कम तापमान दर्ज किया गया।
- राजस्थान
- 11 शहरों में सीजन का सबसे कम तापमान दर्ज
हुआ।
- राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुल 15 शहरों
में तापमान 4 डिग्री से नीचे चला गया।
- जम्मू-कश्मीर
- जोजिला में तापमान माइनस 22 डिग्री रिकॉर्ड
किया गया।
- श्रीनगर, पहलगाम और गुलमर्ग जैसे क्षेत्रों
में भी तापमान माइनस में बना हुआ है।
- अन्य राज्य
- बिहार, हरियाणा समेत 14 राज्यों में कोल्डवेव
का अलर्ट जारी।
- पंजाब और मध्य प्रदेश में "सीवियर कोल्डवेव"
की चेतावनी दी गई है।
ठंड बढ़ने के कारण
मौसम विभाग ने
ठंड के तीव्र प्रकोप के लिए तीन प्रमुख कारण बताए हैं:
- ठंडी हवाओं का प्रवाह
- पश्चिमी और उत्तर भारत में 12.6 किमी की
ऊंचाई पर 278 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज ठंडी हवाएं चल रही हैं।
- वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ)
- सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण बर्फ तेजी
से पिघल रही है, जिससे मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ रही है।
- बर्फबारी
- पाकिस्तान में सक्रिय वेस्टर्न डिस्टरबेंस
के चलते जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में लगातार बर्फबारी हो रही है, जिससे
ठंड का दायरा विस्तृत हो गया है।
आगे की संभावना
मौसम विभाग ने
अगले 2-3 दिनों तक ठंड के जारी रहने की चेतावनी दी है।
- कोल्डवेव का असर: पूरे उत्तर भारत के साथ-साथ
बिहार और हरियाणा में शीतलहर जारी रहने का अनुमान है।
- सावधानियां: ठंड से बचाव के लिए गर्म
कपड़े पहनें, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान दें, और अत्यधिक ठंडे स्थानों
पर जाने से बचें।
निष्कर्ष
उत्तर भारत के
राज्यों में जारी ठंड और शीतलहर ने सामान्य जनजीवन को प्रभावित किया है। यह स्पष्ट
है कि इस साल का सर्दी का मौसम, सामान्य से अधिक चुनौतीपूर्ण है। प्रशासन और स्थानीय
अधिकारियों को ठंड के प्रभाव को कम करने के लिए राहत उपायों को सुनिश्चित करने की आवश्यकता
है।
(प्रतीकात्मक तस्वीर:
गूगल साभार)
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