लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में दिए अपने बयान में संभल जिले में बिजली चोरी और धार्मिक त्योहारों के दौरान कानून-व्यवस्था को लेकर कई बड़े मुद्दों पर चर्चा की। उनके इस बयान का राजनीतिक और सामाजिक हलकों में व्यापक असर देखा जा रहा है।

 

1. बिजली चोरी पर बयान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संभल जिले के कुछ इलाकों में बिजली चोरी की घटनाएँ बड़े स्तर पर हो रही हैं।

  • दीपा सराय और मिया सराय जैसे इलाकों में लाइन लॉस 78% से 82% तक पहुंच गया है।
  • मुख्यमंत्री ने मस्जिदों से बिजली चोरी होने का दावा करते हुए कहा कि राज्य के संसाधनों की इस तरह "लूट" बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
  • उन्होंने प्रशासन पर लगाए जा रहे "अत्याचार" के आरोपों को भी खारिज किया।

 

2. हिंदू और मुस्लिम पर्व-त्योहारों पर टिप्पणी

योगी आदित्यनाथ ने धार्मिक जुलूसों और त्योहारों को लेकर दो टूक बयान दिया।

  • उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्व और जुलूस बिना किसी रुकावट के हिंदू इलाकों से गुजर सकते हैं, तो हिंदू पर्वों के दौरान मुस्लिम इलाकों में क्यों समस्या खड़ी होती है?
  • उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसी हिंदू पर्व के दौरान कानून-व्यवस्था को बाधित करने की कोशिश की जाएगी, तो सरकार सख्ती से निपटेगी।

 

3. शिया-सुन्नी विवाद का जिक्र

मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि 1976 के जामा मस्जिद विवाद के समय शिया और सुन्नी समुदायों के बीच बड़ा टकराव हुआ था।

  • उन्होंने दावा किया कि लखनऊ में शिया-सुन्नी विवाद "भाजपा सरकार" के कार्यकाल में खत्म हुआ है।
  • उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि इन मुद्दों पर "सच को छिपाने की कोशिश" नहीं करनी चाहिए।

 

मुख्यमंत्री के बयान के प्रमुख बिंदु

  1. बिजली चोरी: मस्जिदों से बिजली चोरी का आरोप और संसाधनों के दुरुपयोग पर कड़ी चेतावनी।
  2. धार्मिक संतुलन: हिंदू त्योहारों पर व्यवधान स्वीकार्य नहीं, जबकि मुस्लिम त्योहारों पर कोई रुकावट नहीं आती।
  3. शिया-सुन्नी विवाद: पुराने विवादों के हल के लिए भाजपा शासन के योगदान का दावा।

 

राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव

  • मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में विवाद और सामाजिक बहस की स्थिति बन सकती है।
  • विपक्ष इसे धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश बता सकता है, जबकि भाजपा इसे कानून-व्यवस्था और न्याय का मुद्दा बताकर अपना पक्ष मजबूत करेगी।
  • बिजली चोरी जैसे मुद्दों पर प्रशासनिक कार्रवाई की उम्मीद बढ़ गई है।

 

निष्कर्ष

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान से यह स्पष्ट है कि सरकार धार्मिक संतुलन, कानून-व्यवस्था और संसाधनों के सही उपयोग पर सख्त रवैया अपनाने जा रही है। हालांकि, विपक्ष इसे लेकर अपना विरोध दर्ज करा सकता है, जिससे विधानसभा के भीतर और बाहर राजनीतिक गर्माहट देखने को मिलेगी।