पन्ना: मध्य प्रदेश के पन्ना जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसने सोशल मीडिया पर लोगों को चौंका दिया है। अजयगढ़ थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक पैदल चलते व्यक्ति पर हेलमेट न पहनने के आरोप में चालान काट दिया। यह मामला न केवल सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है, बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर रहा है।

 

पैदल चलने पर चालान काटने की अनोखी घटना

यह घटना पन्ना जिले से करीब 40 किलोमीटर दूर अजयगढ़ थाना क्षेत्र की है। सुशील कुमार शुक्ला नामक व्यक्ति ने दावा किया कि वह अपनी बेटी के जन्मदिन पर मेहमानों को आमंत्रित करने के लिए पैदल जा रहे थे, जब पुलिस की गाड़ी ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद उन्हें पुलिस की गाड़ी में जबरन बैठाकर अजयगढ़ पुलिस स्टेशन ले जाया गया।

शुक्ला ने बताया कि पुलिस ने उन्हें कुछ देर हिरासत में रखा और फिर पास खड़ी एक मोटरसाइकिल का रजिस्ट्रेशन नंबर लिखकर उनके खिलाफ बिना हेलमेट के वाहन चलाने का चालान काट दिया। चालान की राशि 300 रुपये थी।

 

पुलिस के खिलाफ शिकायत और जांच के आदेश

घटना से परेशान शुक्ला ने पन्ना पहुंचकर पुलिस अधीक्षक (एसपी) को अपनी शिकायत दी और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। अजयगढ़ के उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीओपी) राजीव सिंह भदौरिया को इस मामले की जांच सौंपी गई है।

 

एसपी ने मीडिया को बताया कि शुरुआती जानकारी अधूरी लग रही है और मामले की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच के निष्कर्षों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

 

सोशल मीडिया पर पुलिस की आलोचना

यह मामला जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, पुलिस प्रशासन की जमकर आलोचना होने लगी। कई यूजर्स ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। एक यूजर ने लिखा, "पुलिस का हाथ केवल कमजोरों पर चलता है।" वहीं, दूसरे यूजर ने तंज कसते हुए कहा, "ऐसे लोगों को पुलिस में भर्ती करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।"

 

कुछ यूजर्स ने इस घटना को प्रशासन की लापरवाही और भ्रष्टाचार का उदाहरण बताया। एक अन्य यूजर ने लिखा, "देश में महंगाई और भुखमरी से लोग पहले ही परेशान हैं, और अब पुलिस राह चलते लोगों से इस तरह पैसे वसूल रही है।"

 

पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल

इस घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली और अनुशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पैदल चलते व्यक्ति पर हेलमेट न पहनने का चालान काटना न केवल कानून की गलत व्याख्या को दर्शाता है, बल्कि आम नागरिकों के प्रति पुलिस के असंवेदनशील रवैये को भी उजागर करता है।

 

निष्कर्ष

यह मामला न केवल स्थानीय प्रशासन की छवि पर सवाल खड़े करता है, बल्कि कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने की जरूरत को भी रेखांकित करता है। अब देखना यह है कि जांच के बाद दोषी पुलिसकर्मियों पर क्या कार्रवाई की जाती है और क्या इस तरह की घटनाओं को दोहराने से रोका जा सकता है।