पटना: बिहार की बेटियां अगर उचित अवसर
पाएं तो वे सफलता के नए आयाम गढ़ सकती हैं। हाल के वर्षों में राज्य सरकार के प्रयासों
और खिलाड़ियों के जज़्बे का नतीजा है कि महिला खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय
मंचों पर बिहार का नाम रोशन कर रही हैं। लॉन बॉल्स, तीरंदाजी, भारोत्तोलन, साइकिलिंग,
हॉकी, ताइक्वांडो जैसे खेलों में बिहार की महिला खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन राज्यवासियों
को गौरवान्वित कर रहा है।
38वें राष्ट्रीय खेलों में बिहार
की बेटियों का दमखम
उत्तराखंड में संपन्न हुए 38वें
राष्ट्रीय खेलों में बिहार की महिला खिलाड़ियों ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। राज्य
ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 12 पदक (1 स्वर्ण, 6 रजत और 5 कांस्य)
अपने नाम किए। खासकर लॉन बॉल्स में महिला टीम ने स्वर्ण पदक जीतकर नया इतिहास रच दिया।
विश्व कप में निशाना लगाएगी अंशिका
कुमारी
तीरंदाजी में बिहार की अंशिका
कुमारी ने जबरदस्त खेल दिखाते हुए रजत पदक जीता। यह पदक इसलिए भी खास है
क्योंकि फाइनल मुकाबले में उन्होंने भारतीय तीरंदाजी की दिग्गज दीपिका कुमारी
के खिलाफ शानदार संघर्ष किया। उनकी इस उपलब्धि के चलते अंशिका को आगामी तीरंदाजी
विश्व कप, 2025 के लिए भारतीय सीनियर तीरंदाजी टीम में शामिल किया गया है।
अन्य खेलों में भी दिखी बिहार
की बेटियों की चमक
- महिला
रग्बी टीम
ने ओडिशा के खिलाफ कड़े मुकाबले में रजत पदक जीता।
- योगासन
स्पर्धा
में भी बिहार की महिला खिलाड़ियों ने दमखम दिखाते हुए रजत पदक हासिल किया।
- अश्मिता
खेलो इंडिया महिला राष्ट्रीय भारोत्तोलन चैंपियनशिप में बिहार की खुशबू
कुमारी ने दो स्वर्ण पदक जीतकर अपनी काबिलियत साबित की। वहीं शालिनी
ने इस प्रतियोगिता में रजत पदक जीता।
- 68वीं
नेशनल स्कूल गेम्स साइकिलिंग (रोड) चैंपियनशिप में बिहार की सुहानी
ने रजत पदक, जबकि अमृता, शालिनी और सुप्रिया ने कांस्य पदक अपने नाम
किया।
पीटी उषा ने की बिहार की बेटियों
की सराहना
भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष
और 'उड़नपरी' के नाम से विख्यात पीटी उषा ने भी बिहार की महिला खिलाड़ियों की
जमकर तारीफ की। अपने बिहार दौरे के दौरान उन्होंने कहा था कि बिहार की बेटियां अब न
सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा
रही हैं।
सरकारी नीतियों का असर, खिलाड़ियों
को मिल रहा भरपूर समर्थन
बिहार के महिला खिलाड़ियों की
इस सफलता के पीछे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विजन और राज्य सरकार की खेल नीति
का बड़ा योगदान है। सरकार के सहयोग से खेल विभाग विश्वस्तरीय प्रशिक्षण और अवसर
उपलब्ध करा रहा है, जिससे महिला खिलाड़ियों की प्रतिभा को नया आयाम मिल रहा है। बिहार
की बेटियां खेलों के हर क्षेत्र में सफलता के झंडे गाड़ रही हैं और अपनी मेहनत
से बिहार को गौरवान्वित कर रही हैं।
महिला दिवस पर खिलाड़ियों को
सलाम
बिहार स्टेट स्पोर्ट्स अथॉरिटी
के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवीन्द्र शंकरन ने महिला दिवस के अवसर
पर राज्य की महिला खिलाड़ियों के संघर्ष और सफलता को नमन किया। उन्होंने कहा, "हम
‘सिंपली पीरियड्स’ जैसे मददगार पहल के द्वारा एक अनुकूल वातावरण बना रहे हैं, ताकि
मासिक धर्म जैसी स्वास्थ्य से जुड़ी चीजें महिला खिलाड़ियों के लिए बाधा न बनें। बिहार
स्पोर्ट्स अथॉरिटी आपके शानदार सफर में आपके साथ है।"
"उड़ान अभी बाकी है"
बिहार की महिला खिलाड़ी जिस तरह
खेलों में नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं, वह अगली पीढ़ी के खिलाड़ियों के
लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी सफलता यही साबित करती है कि "सपनों की उड़ान
सिर्फ संकल्प और समर्पण की मोहताज होती है।"
Recent Comments