अहमदाबाद: अहमदाबाद के चंडोला तालाब के समीप पिछले साल पकड़े गए 52 बांग्लादेशी नागरिकों में से 16 को बुधवार को देश से डिपोर्ट कर दिया गया। डिपोर्ट किए गए नागरिकों में एक नाबालिग भी शामिल है। शेष 35 बांग्लादेशी नागरिकों को इस महीने के अंत तक या 15 मार्च से पहले देश से बाहर भेज दिया जाएगा। इस संबंध में जानकारी क्राइम ब्रांच के एसीपी भरत पटेल ने दी, वहीं गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी पुष्टि की है।

 

फर्जी दस्तावेज और मानव तस्करी का खुलासा:
क्राइम ब्रांच ने पिछले साल अहमदाबाद के चंडोला तालाब के पास बसे बांग्लादेशी नागरिकों की बस्ती पर छापा मारा था। इस दौरान 52 बांग्लादेशी पकड़े गए, जिनमें महिलाएं और नाबालिग भी शामिल थे। इन सभी के पास भारत के फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बरामद हुए थे। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि इन अवैध प्रवासियों को मानव तस्करी के जरिए भारत लाया गया और उन्हें देह व्यापार में धकेला गया।

 

पूछताछ में यह भी सामने आया कि कुछ एजेंट इन महिलाओं को मॉल और होटलों में नौकरी का झांसा देकर अवैध गतिविधियों में शामिल करवाते थे। क्राइम ब्रांच यह भी जांच कर रही है कि इन बांग्लादेशी नागरिकों का संबंध किसी भारत-विरोधी गतिविधि से तो नहीं था।

 

बांग्लादेश सरकार ने भी किया स्वीकार:
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के डीसीपी अजित राजियाण ने बताया कि अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान और उन्हें वापस भेजने का अभियान लंबे समय से चल रहा है। जनवरी में डिपोर्टेशन प्रक्रिया शुरू की गई थी, जिसके बाद 1 फरवरी को 16 लोगों को सफलतापूर्वक बांग्लादेश भेजा गया। इस बार बांग्लादेश सरकार ने भी स्वीकार किया कि ये नागरिक अवैध रूप से भारत में घुसे थे।

 

फिलहाल बाकी 35 बांग्लादेशी नागरिकों को जल्द से जल्द वापस भेजने की प्रक्रिया जारी है। क्राइम ब्रांच अब यह भी जांच कर रही है कि इस अवैध नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल हो सकता है।