पूर्णिया: पूर्णिया के सहायक खजांची थाना
में शुक्रवार देर रात भीषण आग लगने से हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट
के कारण मालखाने में लगी इस आग ने देखते ही देखते विकराल रूप ले लिया और लाखों रुपये
का जब्त सामान जलकर खाक हो गया. इस घटना की जानकारी मिलते ही दमकल विभाग को सूचना दी
गई, जिन्होंने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. हालांकि, तब तक मालखाने में रखा
जब्त शराब, बीयर और अन्य महत्वपूर्ण सामग्री पूरी तरह से जलकर राख हो चुकी थी.
अग्निकांड का विवरण
घटना के संबंध में मिली जानकारी
के अनुसार, सहायक खजांची थाने के मालखाने में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी. आग की लपटें
इतनी तेज़ थीं कि कुछ ही समय में इसने पूरे मालखाने को अपनी चपेट में ले लिया. आग की
सूचना मिलते ही आनन-फानन में फायर ब्रिगेड की टीम को बुलाया गया. मौके पर पहुंची दमकल
टीम ने घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर नियंत्रण पाया. इस घटना की गंभीरता को देखते
हुए साइबर डीएसपी चंदन कुमार ठाकुर भी तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा
लिया.
डीएसपी चंदन कुमार ठाकुर ने बताया
कि थाना प्रभारी ने उन्हें फोन पर आग लगने की सूचना दी. उन्होंने बताया कि मालखाने
का कमरा और थाना प्रभारी का कमरा दोनों ही वायरिंग के जरिए शॉर्ट सर्किट की चपेट में
आ गए थे.
भारी नुकसान और जब्त सामान का
विनाश
इस भीषण अग्निकांड में सबसे बड़ा
नुकसान मालखाने में रखे जब्त सामान का हुआ. मालखाने में विदेशी शराब, बीयर, कफ सिरप
के साथ-साथ कई अन्य महत्वपूर्ण जब्त किए गए सामान रखे हुए थे, जो आग की भेंट चढ़ गए.
डीएसपी ने प्रथम दृष्टया इसे शॉर्ट सर्किट से लगी आग का मामला बताया है. यह विशेष रूप
से चिंता का विषय है क्योंकि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है, और इतनी बड़ी मात्रा
में जब्त शराब और बीयर का जलना कई सवाल खड़े करता है.
जाँच और मूल्यांकन प्रक्रिया
जारी
डीएसपी चंदन कुमार ठाकुर ने बताया
कि इस घटना के संबंध में फायर ब्रिगेड टीम से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है. साथ ही,
सदर एसडीओ को भी एक प्रतिवेदन सौंपा गया है. नुकसान का सही आकलन करने के लिए एक मजिस्ट्रेट
की उपस्थिति में मालखाने में बचे हुए और जले हुए सामान का मूल्यांकन किया जाएगा. डीएसपी
ने यह भी स्पष्ट किया कि मालखाने में सभी जब्त किए गए सामान रखे जाते थे. डायरी एंट्री
का मिलान करने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि कौन-कौन सा सामान पूरी तरह से जल गया
है और क्या कुछ बचा पाया है.
गहन विश्लेषण और उठे सवाल
थाने के मालखाने में आग लगना
और उसमें जब्त शराब और बीयर की बोतलों का जल जाना अपने आप में एक गहन जांच का विषय
है. बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बावजूद पूर्णिया शहर में शराब की खुलेआम
बिक्री की खबरें अक्सर आती रहती हैं. ऐसे में इतनी बड़ी मात्रा में जब्त शराब का आग
में जलना कई संदेह पैदा करता है. क्या यह सिर्फ एक दुर्घटना थी या इसमें कोई
"गड़बड़झाला" है?
यह आवश्यक है कि इस घटना की बारीकी
से जांच की जाए. जांच अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कितनी बोतलें जलीं
और कितनी पकड़ी गई थीं, इसका सटीक मिलान हो. इस अग्निकांड की आड़ में किसी भी संभावित
अनियमितता या भ्रष्टाचार की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. यह घटना न केवल मालखाने
में रखी सामग्री के नुकसान की ओर इशारा करती है, बल्कि शराबबंदी कानून के प्रभावी प्रवर्तन
पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है. उम्मीद है कि जांच के बाद सच्चाई सामने आएगी और दोषियों
पर कड़ी कार्रवाई होगी, यदि कोई दोषी पाया जाता है.
क्या आपको लगता है कि इस घटना
की जांच में किसी बाहरी एजेंसी को शामिल किया जाना चाहिए?
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