नई दिल्ली (GPNewsBihar Desk): दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के मामले में नई एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। यह मामला दिल्ली सरकार द्वारा सरकारी निधियों से होर्डिंग्स और प्रचार सामग्री लगाने से जुड़ा हुआ है।

 

याचिकाकर्ता की शिकायत के अनुसार, आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने करदाताओं के पैसों का उपयोग करके दिल्ली में बड़े पैमाने पर विज्ञापन और प्रचार सामग्री लगवाई, जिसमें सरकारी योजनाओं और मुख्यमंत्री के कार्यों को उजागर किया गया। अदालत ने इसे गंभीर मामला मानते हुए जांच एजेंसियों को एफआईआर दर्ज कर विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया है।

 

इस आदेश के बाद दिल्ली की राजनीति में हलचल मच गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। भाजपा नेता मनोज तिवारी ने कहा, "दिल्ली की जनता के पैसों का दुरुपयोग कर अपने निजी प्रचार के लिए खर्च करना पूरी तरह से गलत है। हम लंबे समय से इसकी जांच की मांग कर रहे थे।" वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने भी इस फैसले को सही ठहराया और कहा कि सरकारी धन का ऐसा दुरुपयोग लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।

 

दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस फैसले की निंदा की है और इसे राजनीति से प्रेरित बताया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा, "यह भाजपा द्वारा प्रायोजित साजिश है। दिल्ली सरकार ने जो भी विज्ञापन और प्रचार किया, वह जनता को सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए था। भाजपा और कांग्रेस मिलकर हमें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।"

 

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस मामले में केजरीवाल के खिलाफ गंभीर सबूत मिलते हैं, तो उनके लिए कानूनी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। यह मामला दिल्ली के आगामी विधानसभा चुनावों पर भी असर डाल सकता है।

 

अगले कुछ दिनों में दिल्ली पुलिस इस मामले में आगे की जांच शुरू करेगी और सबूतों के आधार पर आरोप तय किए जाएंगे। अब देखना यह होगा कि इस एफआईआर का आम आदमी पार्टी और दिल्ली की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।