श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच तुलबुल नेविगेशन परियोजना को फिर से शुरू करने की वकालत करने के लिए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की कड़ी आलोचना की है।

उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब दोनों देश युद्ध के कगार से वापस आए हैं और जम्मू-कश्मीर एक बार फिर निर्दाेष लोगों की जान, विनाश और पीड़ा के माध्यम से सबसे बड़ी कीमत चुका रहा है, इस तरह के भड़काऊ बयान बेहद गैरजिम्मेदाराना हैं।

महबूबा ने इस बात पर जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर के लोग शांति और स्थिरता के हकदार हैं न कि ऐसे राजनीतिक कदम के जो आगे संघर्ष का जोखिम उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन के स्रोत पानी को हथियार बनाना न केवल अमानवीय है बल्कि यह एक ऐसे मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की धमकी भी देता है जिसे पूरी तरह से द्विपक्षीय ही रहना चाहिए।

इससे पहले उमर अब्दुल्ला ने वुलर बैराज का हवाई दृश्य साझा किया था और सुझाव दिया था कि इस परियोजना को पुनर्जीवित किया जा सकता है क्योंकि सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। 1980 के दशक की शुरुआत में शुरू की गई इस परियोजना को सिंधु जल संधि का हवाला देते हुए पाकिस्तान के दबाव में छोड़ना पड़ा था। उमर ने कहा कि अब जब आईडब्ल्यूटी को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है तो मुझे आश्चर्य है कि क्या हम इस परियोजना को फिर से शुरू कर पाएंगे। इससे हमें नेविगेशन के लिए झेलम का उपयोग करने की अनुमति मिलने का लाभ मिलेगा। इससे डाउनस्ट्रीम बिजली परियोजनाओं के बिजली उत्पादन में भी सुधार होगा, खासकर सर्दियों में।हिस